लखनऊ: डिफेंस सेक्टर में भारत की आत्मनिर्भरता को नया बल देते हुए उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इंटीग्रेशन और टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया गया। इस रणनीतिक परियोजना का उद्घाटन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने डिजिटल माध्यम से किया, जबकि समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपस्थित थे।
ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण से जुड़े लखनऊ में नए युग की शुरुआत
इस अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि राज्य सरकार ने 80 हेक्टेयर (200 एकड़) भूमि निशुल्क दी है, जिस पर ₹300 करोड़ की लागत से यूनिट तैयार की गई है। यह निर्माण केवल साढ़े तीन वर्षों में पूरा किया गया, जो रक्षा क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के बढ़ते योगदान को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर में दिखा ब्रह्मोस का पराक्रम
सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में सम्पन्न ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा, “अगर ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत नहीं देखी तो पाकिस्तान वालों से पूछिए। ऑपरेशन सिंदूर में इस मिसाइल ने जो पराक्रम दिखाया है, उसने दुनिया को भारत की सामरिक क्षमता का एहसास कराया है।”
आतंकवाद पर सीधा संदेश: ‘कुत्ते की पूंछ है, सीधी नहीं होती’
मुख्यमंत्री योगी ने आतंकवाद पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, “आतंकवाद कुत्ते की पूंछ की तरह है, जो कभी सीधी नहीं होती। आतंकवाद को सिर्फ उसकी भाषा में जवाब देना होगा। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब किसी भी आतंकी कार्रवाई को युद्ध जैसा माना जाएगा।”
ब्रह्मोस एयरोस्पेस फैसिलिटी और सामरिक सामग्री संयंत्र का लोकार्पण
समारोह में ‘स्ट्रैटेजिक मैटेरियल्स टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स’ का भी उद्घाटन हुआ, जहां चंद्रयान मिशन और लड़ाकू विमानों के लिए टाइटेनियम और सुपर एलॉय जैसे अत्याधुनिक मटेरियल्स बनाए जाएंगे।
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियत: भारत-रूस की संयुक्त शक्ति
मारक क्षमता: 290 से 400 किलोमीटर
गति: मैक 2.8 (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना)
प्रक्षेपण माध्यम: जमीन, हवा और समुद्र
तकनीक: ‘फायर एंड फॉरगेट’- एक बार लॉन्च के बाद लक्ष्य का स्वतः पीछा