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स्विगी-जोमैटो की बढ़ीं मुश्किलें, मिला 500-500 करोड़ का नोटिस, जानें पूरा मामला

by Rakesh Pandey
स्विगी-जोमैटो की बढ़ीं मुश्किलें मिला 500-500 करोड़ का नोटिस
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बिजनेस डेस्क। देश में जीएसटी प्राधिकरण की ओर से गुड्स एंड सर्विस टैक्स न भरे जाने और जीएसटी नियमों का पालन न किए जाने को लेकर आए दिन कंपनियों को जीएसटी नोटिस भेजे जा रहे हैं। इस क्रम में फूड डिलीवरी ऐप स्विगी-जोमैटो की मुसीबतें बढ़ती नजर आ रही हैं। हाल ही में स्विगी-जोमैटो को 500-500 करोड़ का जीएसटी नोटिस मिला है। दरअसल, स्विगी-जोमैटो कंपनी ग्राहकों से डिलीवरी फीस के नाम पर कुछ पैसे वसूलती हैं। इसी वजह से टैक्स अधिकारी और फूड डिलीवरी ऐप के बीच खींचातानी बनी रहती है। इस डिलीवरी फीस के मामले में करीब 1000 करोड़ रुपए दांव पर हैं।

स्विगी-जोमैटो की बढ़ीं मुश्किलें मिला 500-500 करोड़ का नोटिस

जानकारी के अनुसार, जोमैटो और स्विगी को जीएसटी अधिकारियों से 500-500 करोड़ रुपये का नोटिस मिला है। टैक्स अधिकारियों को लगता है कि स्विगी जोमैटो इस डिलीवरी फीस को इकट्ठा करते हैं और अपना रेवेन्यू जेनरेट करते हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों प्रमुख कंपनियों में से प्रत्येक को 500 करोड़ रुपये का भुगतान करना होगा, जो जोमैटो और स्विगी द्वारा डिलीवरी के नाम पर जमा किए गए पैसों पर लगाया गया 18% टैक्स है, जब से उन्होंने अपने ग्राहकों को फूड डिलीवरी की पेशकश शुरू की है।

इस मामले में जब स्विगी-जोमैटो से पूछा गया, तो उनकी तरफ से कोई रिस्पांस नहीं आया। बता दें कि जीएसटी का मतलब गुड्स एवं सर्विस टैक्स है। यह एक अप्रत्यक्ष टैक्स है, जिसे मूल्यवर्धित टैक्स, सेवा टैक्स, खरीद टैक्स, सीमा शुल्क, जैसे कई अन्य अप्रत्यक्ष टैक्सों को बदलने के लिए पेश किया गया है। जीएसटी को भारत में कई वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया गया है। यह एक कर है जो भारत पर लागू होता है।

डिलीवरी शुल्क केवल डिलीवरी पार्टनर्स की लागत
फूड एग्रीगेटर्स जोमैटो और स्विगी का कहना है कि ‘डिलीवरी शुल्क’ कुछ और नहीं, बल्कि डिलीवरी पार्टनर्स की लागत है, जो घर-घर जाकर खाना पहुंचाते हैं। कंपनियां बस उन लागतों को ग्राहकों से एकत्र करती हैं और उन्हें डिलीवरी भागीदारों को दे देती हैं। लेकिन, सूत्रों के मुताबिक टैक्स अधिकारी इस बात से सहमत नहीं हैं। वहीं, इस मामले में करीब 1000 करोड़ रुपये का दांव लगा है।

जोमैटो के शेयर में आई गिरावट
इस खबर के बीच बुधवार को जोमैटो के शेयर में गिरावट देखने को मिली। यह शेयर 115.25 रुपये पर बंद हुआ। एक दिन पहले के मुकाबले शेयर 1.07% गिरकर बंद हुआ। बता दें कि स्विगी शेयर बाजार में लिस्टेड नहीं है। हालांकि, जोमैटो के बाद दूसरी फूड डिलिवरी कंपनी स्विगी भी शेयर बाजार में लिस्टिंग की तैयारी कर रही है। स्विगी अगले साल 2024 में आईपीओ को बाजार में लॉन्च कर सकती है और ये माना जा रहा है कि कंपनी अपने आईपीओ के जरिए एक बिलियन डॉलर के करीब रकम जुटाने की तैयारी में है।

ओएनडीसी से लगा था बड़ा झटका
वहीं, हाल में ही स्विगी-जोमैटो जैसी फूड डिलीवरी कंपनियों को सरकार समर्थित डिजिटल कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओएनडीसी (ऑपेन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) से बड़ा झटका लगा था। इसके जरिए ऑर्डर करने पर खाना या सामान सस्ते में उपलब्ध हो रहे थे। बता दें कि इसे डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड (डीपीआईआईटी) ने तैयार किया है। जहां स्विगी-जोमैटो जैसे फूड एग्रीगेटर्स 25-30% कमीशन लेते हैं, ओएनडीसी सिर्फ 3-5% चार्ज करता है।

इसलिए इससे कुछ भी ऑर्डर करना 27% तक सस्ता पड़ता है। बता दें कि ओएनडीसी का कोई ऐप नहीं है। इससे खाना ऑर्डर करने के लिए उसके किसी पार्टनर ऐप का इस्तेमाल किया जा सकता है। स्विगी-जोमैटो का प्लेटफॉर्म शुल्क पिछले महीने, स्विगी ने खाने के ऑर्डर के लिए प्लेटफॉर्म चार्ज दो रुपए से बढ़ाकर तीन रुपए कर दिया था। इसी तरह, जोमैटो ने अगस्त में अपना प्लेटफॉर्म शुल्क भी बढ़ा दिया था।

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