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ईडी के रडार पर बायजूस, 9000 करोड़ की हेरा-फेरी सामने आने की खबर

by Rakesh Pandey
ईडी के रडार पर बायजूस
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स्पेशल डेस्क। एजुकेशन सेक्‍टर की प्रमुख डिजिटल कंपनी बायजूस और उसके फाउंडर और सीईओ रवीन्द्र बायजू की मुश्‍क‍िलें द‍िन पर द‍िन बढ़ रही हैं। इस साल की शुरुआत में ईडी ने बायजूस से जुड़े दफ्तर और अन्य परिसरों छापे मारकर तलाशी ली थी। साथ ही कंपनी से जुड़े कई दस्तावेज और डिजिटल डेटा को जब्त किया था।

इसके बाद जांच के दौरान ईडी ने बायजूस को विदेशी मुद्रा विनिमय अधिनियम (फेमा) से जुड़े कई प्रावधानों का उल्लंघन करते पाया है।

ये हेरा-फेरी करीब 9,000 करोड़ रुपए की है। स्टार्टअप सेक्टर की कंपनी होने के चलते बायजूस को बड़े पैमाने पर विदेश से फंडिंग मिली है। उनके खिलाफ विदेशी मुद्रा विनिमय कानून के प्रावधानों के कथित उल्लंघन मामले में ईडी की जांच अंतिम चरण में है। सूत्रों की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई।

ईडी के रडार पर बायजूस

ईडी को छापेमारी के दौरान ये भी पता चला कि 2011 से 2023 के बीच कंपनी को करीब 28,000 करोड़ रुपए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिला है। इसी दौरान कंपनी ने विदेशों में सीधे निवेश के लिए करीब 9,754 करोड़ रुपए भेजे। कंपनी ने विदेशों में जो पैसे भेजे उसमें करीब 944 करोड़ रुपए विज्ञापन और मार्केटिंग के नाम पर खर्च किए। ईडी ने फेमा के प्रावधानों के तहत अप्रैल में दो कंपनियों और एक आवासीय परिसर की तलाशी ली थी। इसमें बायजूस की पंजीकृत कंपनी -थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड भी शामिल थी।

बताया जा रहा है क‍ि बायजूस के खिलाफ जांच तभी से जारी है। इस मामले में जल्द ही कंपनी को कारण बताओ नोटिस दिया जा सकता है। कंपनी ने विदेशी मुद्रा विनिमय कानून के तहत 9,000 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के बारे में मीडिया में आई खबरों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उसने बयान में कहा, ‘वह बायजूस के खिलाफ विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून के प्रावधानों के कथित उल्लंघन को लेकर मीडिया में आई रिपोर्ट को स्पष्ट तौर पर खारिज करती है।’

ईडी की ओर से अबतक नहीं मिला है नोटिस
बायजूस ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि उसे ईडी से अबतक कोई नोटिस नहीं मिला है। ईडी ने अप्रैल में दावा किया था कि उसने कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल आंकड़े जब्त किये हैं। इसमें आरोप लगाया गया था कि कंपनी (थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड) ने वित्त वर्ष 2020-21 से अपने वित्तीय विवरण तैयार नहीं किये हैं और खातों का ऑडिट नहीं कराया है, जो अनिवार्य है। ईडी ने कहा कि निजी लोगों से प्राप्त ‘विभिन्न शिकायतों’ के आधार पर तलाशी ली गई।

समन पर नहीं पहुंचे रवीन्द्रन बायजू
आरोप लगाया गया है कि रवींद्रन बायजू को ‘कई’ समन जारी किये गये थे, लेकिन वह ईडी के सामने कभी पेश नहीं हुए।’ खोज से पता चला कि कंपनी को 2011-2023 के दौरान लगभग 28,000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ। जांच एजेंसी ने कहा, ‘कंपनी ने इसी अवधि के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नाम पर विदेशों में लगभग 9,754 करोड़ रुपये भेजे।’ ईडी ने आरोप लगाया, ‘कंपनी ने एड और मार्केट‍िंग खर्च के नाम पर करीब 944 करोड़ रुपये दिखाये हैं, जिसमें विदेशी न्यायिक क्षेत्र को भेजी गई राशि भी शामिल है।’रवींद्रन बायजू ने अपनी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ के साथ ई-लर्निंग कंपनी की स्थापना की थी।

नहीं कराया गया ऑडिट
कंपनी की स्थिति को लेकर ईडी का कहना है कि कंपनी का बही-खातों का सही से ऑडिट नहीं कराया गया है। इसके चलते एजेंसी को भी जांच करने में दिक्कतें आ रही हैं। ईडी ने जांच को आगे बढ़ाने के लिए दूसरा रास्ता अपनाया है और बैंक स्टेटमेंट के आधार पर जांच शुरू कर दी है। ईडी ने कई व्यक्तियों से मिली निजी शिकायतों के आधार पर बायजूस के खिलाफ जांच शुरू की थी। इसके बाद से ही लगातार केंद्रीय जांच एजेंसी कंपनी के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। ध्यान देने वाली बात यह है कि समन के बावजूद अब तक एक भी बार कंपनी के फाउंडर रवीन्द्रन बायजू ईडी के पास नहीं पहुंचे हैं, जिसके चलते उनके खिलाफ सख्त एक्शन हो सकता है।

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