नई दिल्लीः नॉर्थ रोहिणी थाने में भ्रष्टाचार का मामला सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर (SI) विजय सिंह को सीबीआई (CBI) ने 40 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद थाने के स्टेशन हाउस ऑफिसर (SHO) खालिद हुसैन को विभागीय नियमों के तहत तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया।
यह कार्रवाई 5 अगस्त 2025 को हुई, जिसकी जानकारी दिल्ली पुलिस ने अपने आधिकारिक ‘X’ हैंडल से साझा की।
जमानत के बदले मांगी थी रिश्वत, सीबीआई ने रचा जाल
सूत्रों के अनुसार, SI विजय सिंह ने एक आरोपी की जमानत के बदले 40 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शिकायतकर्ता ने इस भ्रष्टाचार की सूचना केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को दी, जिसके बाद जांच एजेंसी ने जाल बिछाकर SI को रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
SHO पर भी हुई त्वरित कार्रवाई, विभागीय नियम लागू
दिल्ली पुलिस मुख्यालय ने सख्त रुख अपनाते हुए नॉर्थ रोहिणी थाने के SHO खालिद हुसैन को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। बता दें कि 1996 बैच के इंस्पेक्टर हुसैन पर यह कार्रवाई उस आदेश के तहत की गई, जिसमें कहा गया है कि यदि किसी थाने का कोई भी पुलिसकर्मी रिश्वत लेते पकड़ा जाता है, तो संबंधित SHO को भी उत्तरदायी ठहराया जाएगा।
पुलिस महकमे में उठे विरोध के स्वर, सवालों के घेरे में नीति
हालांकि, SHO के निलंबन को लेकर पुलिस विभाग के अंदर विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं। इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों का कहना है कि SHO हर पुलिसकर्मी की निजी गतिविधियों या थाने के बाहर की डीलिंग पर नज़र नहीं रख सकता।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, भ्रष्टाचार करने वाले व्यक्ति को सजा मिलनी चाहिए, लेकिन उसका जिम्मेदार SHO को ठहराना अनुचित है। हालांकि, दिल्ली पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ऐसे मामलों में सख्ती बरती जा रही है। इससे विभाग के भीतर सुधार और जवाबदेही पर बहस तेज हो गई है।
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