Ranchi (Jharkhand) : शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की बारीकियों से अवगत कराने के उद्देश्य से रविवार को एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सीबीएसई (CBSE) की ओर से धुर्वा स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आयोजित यह एक दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम (Capacity Building Program) विशेष रूप से नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क (Foundational Stage) पर केंद्रित था। इस कार्यक्रम में जिलेभर से आए 60 शिक्षकों ने भाग लिया।
शिक्षक व्यावसायिक विकास के लिए महत्वपूर्ण पहल
विद्यालय के प्राचार्य ललन कुमार ने कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षकों के लिए एक नई दृष्टि और दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। उन्होंने ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को शिक्षकों के व्यावसायिक विकास के लिए अत्यंत सहायक बताया। प्रशिक्षण में मुख्य रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रेमलता कुमारी, प्राचार्य, कैंब्रियन पब्लिक स्कूल, कांके रोड और नूतन पाठक, टीजीटी, सुरेन्द्रनाथ सेंटेनरी पब्लिक स्कूल, उपस्थित थीं। दोनों विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को फाउंडेशनल स्टेज की अवधारणाओं, शिक्षण पद्धतियों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मूल सिद्धांतों पर व्यावहारिक और सैद्धांतिक जानकारी दी।
“भविष्य की नींव है फाउंडेशनल स्टेज”
मुख्य अतिथि प्रेमलता कुमारी ने अपने संबोधन में कहा कि “फाउंडेशनल स्टेज, शिक्षा की नींव है। यदि हम इस स्तर पर बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करें, तो भविष्य की पीढ़ी अधिक सक्षम, रचनात्मक और नैतिक बन सकती है।”
नूतन पाठक ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि “एनईपी 2020 शिक्षकों को सृजनशीलता और नवाचार के लिए प्रेरित करती है। हमें बच्चों के कौशल विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए।” प्रशिक्षण में शामिल शिक्षकों ने इस कार्यक्रम को अत्यंत लाभकारी बताया और अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक, आयोजन समिति के सदस्य और तकनीकी समन्वयक भी उपस्थित थे।
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