New Delhi : भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव में तेजी आने के बाद, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने शनिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने रक्षा मंत्री को सीमा पर मौजूदा हालात की पल-पल की जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार, यह बैठक भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर अत्यंत महत्वपूर्ण थी।
ड्रोन और मिसाइल हमलों से बढ़ा तनाव
शुक्रवार को भारत ने यह खुलासा किया कि पाकिस्तान ने गुरुवार रात भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए लेह से सर क्रीक तक 36 स्थानों पर 300 से 400 तुर्की निर्मित ड्रोन दागे थे, हालांकि भारतीय सेना ने उनकी इस कोशिश को नाकाम कर दिया। शनिवार सुबह भारतीय सेना ने यह भी कहा कि पाकिस्तान लगातार ड्रोन और अन्य हथियारों से पश्चिमी सीमा पर हमले कर रहा है, जिससे दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच सैन्य टकराव और बढ़ गया है।
रक्षा मंत्री ने की सुरक्षा समीक्षा
पाकिस्तान द्वारा भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिशों के विफल होने के बाद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को शीर्ष सैन्य नेतृत्व के साथ सुरक्षा परिदृश्य की गहन समीक्षा की। इस बैठक में उभरते सुरक्षा हालात के हर पहलू पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में सीडीएस जनरल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह शामिल हुए।
भारत का मुंहतोड़ जवाब
शनिवार सुबह कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पाकिस्तानी सैनिकों को सीमावर्ती क्षेत्रों में जाते हुए देखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने पंजाब में ‘हाई-स्पीड’ मिसाइलें दागीं और श्रीनगर, अवंतीपुरा और उधमपुर में चिकित्सा सुविधाओं पर हमले किए। कर्नल कुरैशी ने स्पष्ट रूप से कहा, “पाकिस्तानी कार्रवाई का मुंहतोड़ जवाब दिया गया है।”
दोनों देशों के बीच लगातार हो रहे सैन्य हमलों ने क्षेत्र में तनाव को खतरनाक स्तर तक बढ़ा दिया है। भारतीय सैन्य और प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह से सतर्क हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।