नई दिल्ली: दिल्ली में नई बनी भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने बुधवार, 9 अप्रैल को आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकाल के दौरान की गई 177 राजनीतिक नियुक्तियों को रद्द कर दिया। यह आदेश मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा जारी किया गया और यह तत्काल प्रभाव से लागू होगा। रद्द की गई नियुक्तियाँ कई महत्वपूर्ण सरकारी बोर्डों, समितियों और अकादमी में की गई थीं।
‘राजनीतिक उद्देश्य’ के कारण नियुक्तियाँ रद्द
दिल्ली सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन नियुक्तियों का आधार “राजनीतिक लाभ” के लिए किया गया और प्रशासनिक योग्यता की बजाए राजनीतिक कारणों से नियुक्तियां की गई थीं। रिपोर्ट के अनुसार, इन नियुक्तियों में कई मौजूदा और पूर्व AAP विधायक, मंत्रियों के परिवार के सदस्य और पार्टी के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे, जिन्हें दिल्ली जल बोर्ड, हज समिति और विभिन्न अन्य भाषा अकादमी जैसे महत्वपूर्ण निकायों में प्रभावशाली पदों पर नियुक्त किया गया था।
इसी वजह बताते हुए इन नामों का उल्लेख किया गया है। AAP विधायक पवन राणा, जो दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष थे, और विधायक विनय मिश्रा, जो इसके उपाध्यक्ष थे। पूर्व मंत्री जितेन्द्र तोमर की पत्नी प्रीति तोमर भी इस बोर्ड की सदस्य थीं। पूर्व विधायक अब्दुल रहमान और हाजी युनूस दिल्ली हज समिति में पदस्थ थे, जबकि जर्नैल सिंह पंजाबी अकादमी के उपाध्यक्ष थे।
बीजेपी का बयान
बीजेपी शासित सरकार ने इस कदम का बचाव करते हुए इसे प्रशासनिक पारदर्शिता को बहाल करने के लिए आवश्यक बताया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ये नियुक्तियाँ राजनीतिक उद्देश्य से की गई थीं और इससे महत्वपूर्ण संस्थाओं की स्वतंत्रता पर प्रभाव पड़ा। सरकार ने यह भी कहा कि यह कदम राज्य एजेंसियों और निकायों के निर्बाध और गैर-पक्षीय संचालन को सुनिश्चित करने की नीति के अनुरूप है।
सूत्रों के अनुसार, भविष्य में होने वाली नियुक्तियाँ अधिक सख्त जांच के अधीन होंगी, जिसमें योग्यता और पेशेवर विशेषज्ञता को राजनीतिक जुड़ाव से ऊपर रखा जाएगा।