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रामनगरी में बोले CM योगी- जाति और भाषा के आधार पर विभाजित हुए तो धार्मिक स्थलों को भुगतना पड़ेगा खामियाजा

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी इस अवसर पर राम मंदिर के मुकदमे की लंबी यात्रा को याद किया। उन्होंने बताया कि 2017 के बाद ही यह मुकदमा शुरू हो पाया था, और इसके लिए लाखों पृष्ठों का अनुवाद किया गया था।

by Anurag Ranjan
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अयोध्या: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ के मौके पर अयोध्या में आयोजित तीन दिवसीय प्रतिष्ठा द्वादशी समारोह का आगाज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज हम राष्ट्रीय एकता को सशक्त बनाने के लिए एक विशेष उद्देश्य के साथ यहां एकत्रित हुए हैं। सीएम योगी ने जाति, भाषा और क्षेत्रीय भेदभाव से ऊपर उठकर एकजुट होने की अपील करते हुए कहा कि यदि हम इन भेदभावों में बंटते हैं, तो इसका खामियाजा सबसे पहले हमारे धार्मिक स्थलों को भुगतना पड़ेगा।

राष्ट्रीय एकता के लिए प्रेरणा

मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर हम जातीय और भौगोलिक रूप से विभाजित होंगे, तो इसका सबसे बुरा असर हमारे धार्मिक स्थलों पर पड़ेगा। यह भी सच है कि बहन-बेटियों को भी इसका खामियाजा भुगतना होगा।” उन्होंने यह भी कहा कि प्रतिष्ठा द्वादशी का आयोजन हमें यह प्रेरणा देता है कि हम सभी को राष्ट्रीय एकता के लिए काम करना चाहिए। सीएम योगी ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस संदेश का भी उल्लेख किया जो उन्होंने 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय दिया था, “यदि राम है तो राष्ट्र है, और राष्ट्र है तो राम है।”

अयोध्या का भविष्य: सबसे भव्य धार्मिक स्थल

सीएम योगी ने अयोध्या के विकास पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “राम जन्मभूमि का परिसर आने वाले समय में सबसे भव्य और धार्मिक स्थल के रूप में विकसित होगा। अगले दो वर्षों में अयोध्या को दुनिया की सबसे वैभवशाली नगरी के रूप में जाना जाएगा।” उन्होंने यह भी बताया कि अयोध्या का चौमुखी विकास हो रहा है, जो एक समय स्वच्छता, एयरपोर्ट और बुनियादी सुविधाओं के मामले में पिछड़ा हुआ था, लेकिन अब यह देश की पहली सोलर सिटी के रूप में स्थापित हो चुकी है।

रामलला का पंचामृत से अभिषेक और महाआरती

इस खास अवसर पर रामलला का पंचामृत से अभिषेक किया गया, जिसमें दूध, दही, घी, शहद, शक्कर और सरयू नदी का जल मिलाया गया। इसके बाद रामलला को सोने-चांदी के तारों से बनी पीतांबरी पहनाई गई, जो हीरे और पन्नों से सजी हुई थी। साथ ही, रामलला को सोने के आभूषण और मुकुट भी पहनाए गए। महाआरती के दौरान रामलला भक्तों को दर्शन देने के लिए उपस्थित थे, और इस खास पल के साक्षी बनने के लिए लाखों भक्त अयोध्या पहुंचे थे।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भी इस अवसर पर राम मंदिर के मुकदमे की लंबी यात्रा को याद किया। उन्होंने बताया कि 2017 के बाद ही यह मुकदमा शुरू हो पाया था, और इसके लिए लाखों पृष्ठों का अनुवाद किया गया था। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस प्रक्रिया को गति दी, तब जाकर मुकदमा सफलतापूर्वक आगे बढ़ सका।

रामलला का बधाई गान और यज्ञ

समारोह के दौरान, अयोध्या नगर निगम के महापौर गिरीशपति त्रिपाठी की उपस्थिति में 1975 मंत्रों से अग्नि में आहुति दी जा रही है। यह आहुति विश्व मानव कल्याण के लिए समर्पित है। इसके अलावा, हनुमान चालीसा, श्रीराम स्त्रोत, पुरुष सूक्त, आदित्य हृदय सूक्त, और विष्णु सहस्त्रनाम का परायण भी तीन दिनों तक किया जाएगा। प्रत्येक शाम को रामलला का बधाई गान होगा, जो शाम 6:00 बजे से रात 9:00 बजे तक चलेगा।

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