सेंट्रल डेस्कः 75 वीं संविधान दिवस के मौके पर मंगलवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में संविधान अब पूरी तरह से स्थापित हो चुका है। पहली बार आज वहां संविधान दिवस मनाया गया। आगे अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि यह भारतीय संविधान का 75वां वर्ष है- जो कि देश के लिए गर्व की बात है।
मोदी ने संविधान को नमन करते हुए कहा कि हम यह नहीं भूल सकते कि मुंबई में हुए आतंकी हमले की भी बरसी है आज। इस हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए पीएम ने कहा कि जिन आतंकी संगठनों ने भारत की सुरक्षा को चुनौती दी है, उन्हें भारत जवाब जरूर देगा।
पीएम ने कहा कि लोगों को लगता है कि उनके पास पानी की सुविधा है, जब कि आजादी के 75 सालों बाद भी केवल देश के 3 करोड़ घरों में ही पानी की सुविधा उपलब्ध है। मोदी ने कहा कि संविधान की मूल प्रति में भगवान राम और माता सीता की तस्वीर है। ये तस्वीर हमें भारतीय मूल्यों से अवगत कराते है, ताकि हम मानवता को समझें। यही मूल्य हमें पॉलिसी बनाने और निर्णय लेने में मदद करती है।
आगे पीएम ने कहा कि एक वक्त था, जब वरिष्ठ नागरिकों को बैंक जाकर अपने होने का सबूत देना पड़ता था। आज बुजुर्गों के पास डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट की सुविधा है। संविधान सभा की बहस के दौरान पीएम ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने कहा था कि संविधान केवल एक दस्तावेज नहीं है। इसकी भावना हमेशा युग की भावना है।
पीएम ने कहा कि पिछले 10 सालों में 4 करोड़ मकान पक्के हुए है। भारत के हर नागरिक का सपना है- विकसित भारत। पीएम ने डॉ राजेंद्र प्रसाद के कथानक को याद करते हुए कहा कि राजेंद्र प्रसाद ने कहा था कि भारत को ईमानदार लोगों के समूह की जरूरत है, जो देश हित को ऊपर रखे।
इससे पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने कहा कि हम जो भी निर्णय देते है, वो एक शून्य योग खेल होता है। कुछ लोग खुश होते हैं, तो कुछ लोग आलोचना करते है। उन्होंने कहा कि भारत की संवैधानिक अदालतें दुनिया की सबसे शक्तिशाली अदालतें है।