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धनबाद के रंगदारों पर नकेल, प्रिंस खान के मेजर समेत चार दबोचे गए

by Rakesh Pandey
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धनबाद : धनबाद में व्यवसायियों से रंगदारी मांगने और पैसे न देने पर जान से मार देने की धमकी देने का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। यहां के व्यवसायियों के साथ-साथ पुलिस भी काफी परेशान है। हालांकि इस मामले में एक बड़ी सफलता पुलिस के हाथ लगी है। रंगदारी और अवैध हथियार सप्लाइयों के नेक्सस को भेदते हुए पुलिस ने कुख्यात प्रिंस खान के कथित मेजर सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

पुलिस के हाथ लगी बड़ी सफलता

रंगदारी मांगने, धमकी देने की घटनाओं से परेशान पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। काफी प्रयास के बाद पुलिस ने प्रिंस खान के तथाकथित मेजर, आर्म्स सप्लायर समेत कुल चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनलोगों के पास से आधा दर्जन हथियार और बड़ी संख्या में कारतूस बरामद भी पुलिस ने बरामद किए हैं। जिस मेजर छद्म नाम वाले को ढाल बनाकर गैंगेस्टर प्रिंस खान रंगदारी मांग रहा था, उसका असली नाम नसीम अंसारी उर्फ रजी अहमद बताया जा रहा है।

मेजर ऊर्फ नसीम अहमद मूल रूप से कतरास के छाताबाद का रहने वाला है। फिलहाल वह बंगाल के आसनसोल रेल पार नया मुहल्ला में रह रहा था। गिरोह में सहयोगी रहे उसके रिश्तेदार सद्दाम अंसारी को पुलिस ने उसके पुश्तैनी गांव गिरिडीह के बिरनी से गिरफ्तार किया है।

दबोचे गए अवैध हथियार की आपूर्ति करनेवाले अपराधी

इनके साथ ही हथियार सप्लायर विकास सिंह और राजू अंसारी को भी पुलिस की टीम ने धर दबोचने में सफलता हासिल की हे। राजू अंसारी जोगता थाना के सिजुआ का रहने वाला है जबकि विकास सिंह धनबाद थाना क्षेत्र के अंबिकापुरम का रहनेवाला बताया जा रहा है। इन अपराधियों की निशानदेही पर पांच ऑटोमेटिक पिस्टल एक देशी कट्टा, 56 कारतूस, 50 हजार नकद, एक बाइक और वाईफाई का मॉडम भी बरामद किया गया है। प्रिंस खान के मामले में पुलिस इसे अब तक बड़ी सफलता मान रही है।

सिटी व ग्रामीण एसपी की देखरेख में गठित की गई थी विशेष टीम

धनबाद के एसएसपी संजीव कुमार ने इस मामले में बताया कि कुख्यात प्रिंस खान सहयोगियों को पकड़ने के लिए सिटी व ग्रामीण एसपी की देखरेख में एक विशेष टीम का गठन किया गया था। इस टीम में डीएसपी अमर पांडेय विधि व्यवस्था अरविंद बिन्हा समेत सात थाना के थानेदार व इंस्पेक्टर को शामिल किया गया था।

हथियार सप्लायर विकास के पकड़े जाने के बाद खुलती गईं परतें

अनुसंधान के दौरान जब टीम को सबसे पहले हथियार सप्लायर विकास सिंह को पकड़ने में सफलता हाथ लग गई। विकास के पकड़े जाने के बाद मामले की परतें एक के बाद एक खुलती चली गईं। पुलिस को यह जानकारी मिली कि विकास मुंगेर से हथियार लाकर प्रिंस खान के गुर्गों को सप्लाई करता था। उसकी निशानदेही पर ही राजू अंसारी को गिरिडीह से दबोचने में सफलता मिली।

राजू अंसारी के पास भी हथियार बरामद किए गए। उसके बाद पुलिस को कुछ नए व अहम सुराग मिले। इन्हीं जानकारियों के आधार पर कथित मेजर और उसके बहनोई सद्दाम तक पुलिस पहुंच गई। तीनों की गिरफ्तारी के बाद सभी ने अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है।

राजू ने ही प्रिंस खान को उपलब्ध कराए थे कारोबारियों के नंबर

पकड़े गए अपराधियों से पुलिस की पूछताछ के दौरान ही यह बात सामने आई कि हाल के दिनों में प्रिंस खान ने शहर के जिन व्यवसायियों को फोन पर धमकी दिलवाई थी, उनके नंबर डिटेल राजू अंसारी ने प्रिंस खान और उसका कथित मेजर नसीम अंसारी को उपलब्ध कराया था।

यहां तक जीटी रोड पर व्यवसायियों को डराने के लिए जो बमबाजी और फायरिंग की घटना हुई थी, उसमे नसीम अंसारी और राजू अंसारी खुद शामिल थे। तोपचांची शान ए पंजाब में बमबाजी, गोविंदपुर में बिहारी लाल चौधरी और खालसा होटल पर फायरिंग में भी दोनों की भूमिका थी।

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कई सफेदपोश के नाम आए सामने, पुलिस कर रही जांच

इस कांड में कुछ तथ्य और भी सामने आए हैं जिनको लेकर पुलिस जांच कर रही है। प्रिंस के सहयोगी के रूप में कुछ सफेद पोश के भी नाम पुलिस को पता चले हैं। पुलिस उन नामों का सत्यापन कर रही है। वहीं कुछ ऐसे फर्जी पत्रकारों के नाम पर सामने आए हैं जो नसीम अंसारी के पत्र को वायरल करने में मदद कर रहे थे।

इस मामले का भी पुलिस सत्यापन कर रही है। मोबाइल कॉल डिटेल में कुछ इसी तरह के लोगों की बातचीत के बारे में जानकारी मिली है। एसएसपी ने यह भी कहा कि दुर्गापूजा का माहौल शुरू हो गया है। व्यवसाई हो या आम नागरिक, सभी लोग बेफिक्र हो कर अपना काम करें। धनबाद पुलिस उनकी सुरक्षा में तत्पर है। किसी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।

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