सेंट्रल डेस्कः पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 92 वर्ष की उम्र में देहावसान हो गया। इसके बाद कांग्रेस विवादों में घिर गया है। मनमोहन सिंह की स्मृति विवाद के बीच शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने पिता के निधन के बाद कांग्रेस पर दो तरह का व्यवहार किए जाने का आरोप लगाया है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) की बैठक नहीं बुलाने के लिए कांग्रेस की आलोचना की है।
लेकिन शर्मिष्ठा ने स्मारक स्थल की मांग का किया समर्थन
हालांकि, उन्होंने मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक स्थान बनाने के लिए केंद्र से कांग्रेस के अनुरोध का समर्थन किया है। शर्मिष्ठा ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि कांग्रेस ने 2020 में उनके पिता प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई, क्योंकि यह देश के राष्ट्रपतियों के लिए नहीं किया जाता है।
कहा गया, राष्ट्रपतियों के लिए नहीं होती कांग्रेस की बैठक
उन्होंने कहा कि जब बाबा का निधन हुआ तो कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी 4 की शोक सभा नहीं बुलाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझे बताया कि ऐसा राष्ट्रपतियों के लिए नहीं किया जाता है। यह पूरी तरह से बकवास है, क्योंकि मुझे बाद में बाबा की डायरी से पता चला कि पूर्व राष्ट्रपति के आर नारायणन की मृत्यु पर, सीडब्ल्यूसी की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश मेरे बाबा ने ही तैयार किया था।

शर्मिष्ठा मुखर्जी की यह टिप्पणी तब आई, जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए एक निर्धारित स्थान की मांग की गई, जहां एक स्मारक भी बनाया जा सके। शर्मिष्ठा ने डॉ. मनमोहन सिंह के लिए एक स्मारक बनाने के विचार का समर्थन किया।
बाबा खुद डॉ सिंह को भारत रत्न देना चाहते थे
उन्होंने कहा, ‘डॉ. सिंह का स्मारक बनाना एक अच्छा विचार है। वह इसके हकदार हैं और भारत रत्न के भी हकदार हैं, जो बाबा राष्ट्रपति के रूप में उन्हें प्रदान करना चाहते थे, लेकिन ऐसा शायद 2 कारणों से नहीं हुआ, जिन्हें बताने की आवश्यकता नहीं है।
11.45 में निगमबोध पर दी जाएगी अंतिम विदाई
दूसरी ओर, कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए जगह नहीं मिलना, देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है।
कांग्रेस की ओर से यह मुद्दा तब उठाया गया, जब गृह मंत्रालय ने कहा कि डॉ सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ शनिवार सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर किया जाएगा।