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पश्चिम बंगाल की छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तिथि घोषित, 13 नवंबर को होगी वोटिंग

15 राज्यों के 48 विधानसभा क्षेत्रों और दो संसदीय क्षेत्रों के लिए उपचुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया गया है। पश्चिम बंगाल में छह सीटों पर उपचुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि सभी संबंधित विधायकों ने सांसद बनकर अपनी विधानसभा सीटें खाली की हैं।

by Rakesh Pandey
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कोलकाताः निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को महाराष्ट्र और झारखंड के साथ-साथ विभिन्न राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों की घोषणा की है। इसमें पश्चिम बंगाल की छह विधानसभा सीटें भी शामिल हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने 15 राज्यों के 48 विधानसभा क्षेत्रों और दो संसदीय क्षेत्रों के लिए उपचुनाव कार्यक्रम का ऐलान किया है।

पश्चिम बंगाल की इन सीटों पर होने हैं उपचुनाव

पश्चिम बंगाल की जिन छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, वे हैं:

कूचबिहार – सीताई
पश्चिम मेदिनीपुर – मेदिनीपुर
उत्तर 24 परगना – नैहाटी
उत्तर 24 परगना – हाड़वा
अलीपुरदुआर – मदारीहाट
बांकुड़ा – तालडांगरा

18 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी नामांकन प्रक्रिया

उपचुनाव के लिए तय की गई इन सभी छह सीटों पर 13 नवंबर को मतदान के लिए तिथि निर्धारित की गई है। नामांकन प्रक्रिया 18 अक्टूबर से शुरू होगी। जबकि 13 नवंबर को प्रत्याशियों की किस्मत लॉक हो जाने (वोटिंग) के बाद मतगणना 23 नवंबर को की जाएगी।

सीटें खाली होने के कारण

इन छह सीटों पर उपचुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि सभी संबंधित विधायकों ने सांसद बनकर अपनी विधानसभा सीटें खाली की हैं। सीताई से तृणमूल विधायक जगदीश चंद्र बर्मा ने कूचबिहार लोकसभा सीट पर जीत हासिल की और सांसद बने हैं। उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री निशिथ प्रमाणिक को मात दिया था। इसी प्रकार मेदिनीपुर की विधायक मेदिनीपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर सांसद बनी हैं। नैहाटी से तृणमूल विधायक पार्थ भौमिक बैरकपुर लोकसभा सीट और हाड़वा के विधायक हाजी नुरुल इस्लाम ने बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीता था।

चलता रहा दलबदल का खेल

पार्थ भौमिक ने भाजपा के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह को हराया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में अर्जुन सिंह भाजपा के रथ पर सवार होकर चुनाव लड़े थे और उनको जीत भी मिली थी। बाद में उनका मोह भाजपा से भंग हो गया और उन्होंने तृणमूल का दामन थाम लिया। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उनको इस बार लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया। अर्जुन सिंह को उम्मीद थी कि इस बार भी ममता बनर्जी उनको बैरकपुर से ताल ठोकने के लिए मौका देंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

लोकसभा चुनाव से पहले जब मंच से उतरे थे अर्जुन

यह वाकया पिछले लोकसभा चुनाव का है।सीएम जब लोकसभा उम्मीदवारों की घोषणा कर रही थीं तो उस समय अर्जुन मंच पर ही थे। जैसे पार्थ का नाम की घोषणा की गयी तो वे मंच से उतर कर सीधे अपने घर मजदूर भवन आए। उसके कुछ ही देर के बाद वे दिल्ली के रवाना हो गए। दिल्ली में दो दिन रहने के बाद वे फिर एक बार भाजपा के हो गए। वहीं, मदारीहाट से भाजपा विधायक मनोज टिग्गा के अलीपुरदुआर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बनने से सीट खाली हुई है। इसी प्रकार, तालडांगरा से तृणमूल विधायक अरूप चक्रवर्ती के सांसद बनने से सीट खाली हुई थी।

बशीरहाट लोकसभा सीट का उपचुनाव:

हालांकि, बशीरहाट लोकसभा सीट के उपचुनाव की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि इस सीट को लेकर अदालत में मामला होने के कारण उपचुनाव नहीं कराया जा रहा है। बशीरहाट लोकसभा सीट हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के सांसद हाजी शेख नुरुल इस्लाम के निधन के कारण खाली हुई है।

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