सेंट्रल डेस्क/Defence Deal: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उत्तर कोरिया दौरे से अमेरिका आगबबूला है। पुतिन और उत्तर कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जॉन्ग उन के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर भी हुए हैं। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण सुरक्षा संबंधी समाझौता है। नए सिक्योरिटी पैक्ट के तहत यदि कोई भी तीसरा देश उत्तर कोरिया या फिर रूस पर हमला करता है तो मॉस्को और प्योंगयांग एक-दूसरे की मदद करेंगे।
Defence Deal: अमेरिका व सहयोगी देशों की बढ़ी चिंता
रूस और उत्तर कोरिया के बीच इस समझौते से न केवल अमेरिका की नींद उड़ी है, बल्कि दक्षिण कोरिया और जापान जैसे वॉशिंगटन के सहयोगी देशों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। पश्चिम देशों के साथ दोनों रूस और उत्तर कोरिया के बढ़ते तनाव के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और किम जॉन्ग उन ने एक नए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
इसमें उनके किसी देश पर हमला होने पर आपसी सहायता का वादा शामिल है। हालांकि इस बात पर कोई स्पष्टता नहीं है कि सौदे में किस प्रकार की सहायता का उल्लेख है। वही इसे केवल व्यापक रणनीतिक साझेदारी के रूप में कहा गया है।
Defence Deal: पुतिन के 24 साल के कार्यकाल में पहला समझौता
पुतिन की ओर से 24 साल में पहली प्योंगयांग यात्रा के दौरान इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। साथ ही उत्तर कोरिया कथित तौर पर यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मॉस्को को हथियार मुहैया करा रहा है, जिसके कारण कई पश्चिमी देशों ने दोनों देशों के खिलाफ प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। रूस उत्तर कोरिया को अपने परमाणु और मिसाइल हथियार कार्यक्रम को विकसित करने में भी मदद कर रहा है।
Defence Deal: हमलों पर तत्काल प्रतिक्रिया
केसीएनए रिपोर्ट के अनुसार समझौते के अनुच्छेद 4 में यह प्रावधान है कि यदि किसी भी देश पर हमला होता है या युद्ध की स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो दूसरे देश को बिना देरी किए सैन्य और अन्य सभी प्रकार की सहायता प्रदान करनी चाहिए। वही इस समझौते को शीत युद्ध की समाप्ति के बाद से मास्को और प्योंगयांग के बीच सबसे महत्वपूर्ण और शक्तिशाली समझौता माना जाता है। किम और पुतिन दोनों ने इस समझौते को अपने देशों के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताया।
Defence Deal: उत्तर कोरिया रूस को हथियार सप्लाई करेगा
यह समझौता ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका और उसके सहयोगियों ने मॉस्को और प्योंगयांग के बीच संभावित हथियार सौदे को लेकर चिंता जताई है। समझौते के अनुसार, उत्तर कोरिया आर्थिक सहायता और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के बदले में यूक्रेन में अपने युद्ध के लिए रूस को महत्वपूर्ण हथियार सप्लाई करेगा।
Defence Deal: क्या कहा उत्तर कोरिया के तानाशाह ने
समझौते के बाद उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कहा कि दोनों देशों के बीच ‘घनिष्ठ मित्रता’ के परिणामस्वरूप अब तक का सबसे शक्तिशाली समझौता हुआ है। वही किम ने यूक्रेन में संघर्ष के दौरान रूस को समर्थन देने का वादा किया। इस बीच, पुतिन ने इस समझौते को एक ‘सफल समझौता’ बताया जो द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की पारस्परिक इच्छा को दर्शाता है।
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