नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) ने नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एक बड़े अंतरराज्यीय नशा तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस कार्रवाई में 348.176 किलोग्राम गांजा, जिसकी कीमत लगभग 1.75 करोड़ रुपये है, तरबूज से लदे ट्रक में छिपाकर ले जाया जा रहा था। दो तस्करों को गिरफ्तार किया गया और तस्करी में प्रयुक्त वाहन को जब्त कर लिया गया।20 मई को, एएनटीएफ को गुप्त सूचना मिली कि उत्तर प्रदेश के रजिस्ट्रेशन नंबर वाला एक ट्रक, जिसमें भारी मात्रा में गांजा छिपाया गया है, सोनिया विहार, दिल्ली के पुस्ता रोड से गुजरेगा। सूचना की पुष्टि के बाद, एनडीपीएस अधिनियम के प्रावधानों का पालन करते हुए एक छापेमारी टीम गठित की गई।
इस ऑपरेशन की नींव महीनों की खुफिया जानकारी पर आधारित थी। टीम ने हैदराबाद से दिल्ली तक संदिग्ध ट्रक की गतिविधियों पर नजर रखी, जिसमें टोल प्लाजा के सीसीटीवी डेटा और आरोपियों के मोबाइल नंबरों की निगरानी शामिल थी। प्रत्येक ठहराव, मार्ग परिवर्तन और समय की सटीक जानकारी के आधार पर पुष्टि हुई कि तरबूज के परिवहन की आड़ में भारी मात्रा में गांजा दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में लाया जा रहा है।
पुख्ता जानकारी के आधार पर टीम ने सोनिया विहार पुस्ता पर जाल बिछाया। 21 मई को तड़के 2:00 बजे, सूचना के अनुसार ट्रक को रोका गया। ट्रक में तरबूज लदे थे, लेकिन गहन तलाशी में नीचे छिपाए गए 17 प्लास्टिक बैग बरामद किए गए। प्रत्येक बैग में हरे रंग का पत्तेदार पदार्थ था, जो संदिग्ध रूप से गांजा था।
उत्तर-पूर्व जिले की एफएसएल क्राइम टीम ने मौके पर फील्ड टेस्टिंग किट से पुष्टि की जो गांजा निकला। जांच करने पर वह कुल 348.176 किलोग्राम था, जिसे जब्त कर सील कर लिया गया। इस दौरान पुलिस टीम ने इंतजार मलिक (31) और रिजवान (32) को गिरफ्तार कर लिया। जांच में पता चला कि दोनों पहले भी नशा तस्करी के मामलों में शामिल रहे हैं।
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