नई दिल्ली : नॉर्थ दिल्ली के चांदनी चौक में 31 मई को कुचा घासी राम में हुई 26 लाख रुपये की लूट की वारदात को लाहौरी गेट थाना पुलिस ने सुलझा लिया है। इस सनसनीखेज लूट की साजिश एक कर्मचारी ने ही रची थी, जिसने अपने चार साथियों को राजस्थान से दिल्ली बुलवाया था। पुलिस ने राजस्थान के राजसमंद और अमेट जिलों में छापेमारी कर चार आरोपियों राजमल उर्फ राजू (44), मोतीलाल (26), कैलाश (22), और मुकेश (24) को गिरफ्तार किया और 18 लाख रुपये बरामद किए। पांचवां आरोपी अभी फरार है।
डीसीपी राजा बंथिया ने बताया कि इस मामले को सुलझाने के लिए लाहौरी गेट पुलिस ने चांदनी चौक, लाल किला, धौला कुआं और जयपुर हाईवे पर लगे करीब 250 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज में आरोपी लूट के बाद भागते दिखे। पुलिस ने उनके भागने के रास्ते का पीछा किया, जहां लाल किला पर वे अपने अन्य साथियों से मिले। इसके बाद वे पहाड़गंज से ऑटो और फिर धौला कुआं मेट्रो स्टेशन से राजस्थान रोडवेज की बस में सवार होकर जयपुर पहुंचे। वहां टैक्सी चालक की मदद से आरोपी कैलाश की पहचान हुई, जिसके बाद पुलिस राजसमंद के धेलाना गांव पहुंची।
पूछताछ में पता चला कि मुख्य साजिशकर्ता मुकेश, जो उसी बिल्डिंग में एक अंगड़िया फर्म में काम करता था, ने लूट की योजना बनाई। उसने कार्यालय में नकदी की जानकारी अपने चार दोस्तों के साथ साझा की। ये सभी राजस्थान के राजसमंद जिले के रहने वाले हैं। 27 मई को आरोपी दिल्ली पहुंचे और पहाड़गंज के अलग-अलग होटलों में ठहरकर अपनी पहचान छिपाते रहे। मुकेश ने कुचा घसी राम और आसपास की रेकी की। 31 मई को कमलेश और कैलाश ने कार्यालय में घुसकर कर्मचारी हार्दिक भाई को बंधक बनाया, उनके हाथ-पैर और मुंह टेप व रस्सी से बांधे, और 26 लाख रुपये लूटकर फरार हो गए। लूट की राशि में कैलाश और कमलेश को 1-1 लाख, राजमल और मोतीलाल को 10-10 लाख, और मुकेश को 4 लाख रुपये मिले।
लाहौरी गेट पुलिस की टीम ने कैलाश को राजसमंद से गिरफ्तार किया, जिसके पास से 1 लाख रुपये और लूट के दौरान पहने कपड़े बरामद हुए। कैलाश के बयान पर मोतीलाल, राजमल और मुकेश भी पकड़े गए। कुल 18 लाख रुपये और अपराध में इस्तेमाल कपड़े बरामद किए गए। पूछताछ में खुलासा हुआ कि इन पांचों ने पहले कानपुर के किदवई नगर में भी लूट की थी।