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दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास में पाए गए ‘कीमती सामानों’ की जांच शुरू

उपराज्यपाल कार्यालय से मिले पत्र के मुताबिक, उन लोगों या संगठनों की पहचान करने के लिए जांच का अनुरोध किया गया है, जिन्होंने मुख्यमंत्री के बंगले में महंगे सामान पहुंचाए है।

by Reeta Rai Sagar
Kejriwal did not get Bail
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नई दिल्लीः 6, फ्लैग स्टाफ रोड, सिविल लाइंस, नई दिल्ली- यह दिल्ली के मुख्यमंत्री आवास का पता होता है। जिसे लेकर पहले भी कई बार विवाद हो चुका है। एक बार फिर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री पद छोड़ने से पहले तक इसी पते पर रहते थे। केजरीवाल के यहां से जाने के बाद भी इस आवास को लेकर विवाद समाप्त नहीं हो रहा है।

5 दिनों में सब्मिट करें रिपोर्ट

इस आवास से कई कीमती सामानों के पाए जाने की खबर है। दिल्ली के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने लोक निर्माण विभाग (PWD) को इस आवास में मिले इन कीमती सामानों की जांच करने का आदेश दिया है। इससे संबंधित रिपोर्ट को PWD को 5 दिनों के भीतर सब्मिट करने को कहा गया है। जांच में यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि किसने या किस संगठन ने इन सामानों को वहां पहुंचाया।

बीजेपी नेता ने उपराज्यपाल को लिखी चिट्ठी

यह जांच दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंदर गुप्ता की शिकायत के बाद शुरू की गई। बीजेपी विधायक ने 20 नवंबर को दिल्ली के उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी। इस शिकायत भरी चिट्ठी में विजेंदर ने आरोप लगाया कि अप्रैल 2022 में PWD ने इस आवास में जो सामान उपलब्ध कराए और अक्टूबर 2024 में केजरीवाल के खाली करने के बाद जो सामान वहां पाए गए, उन सामानों में बड़ा अंतर पाया गया है।

किस संगठन ने सीएम आवास पर पहुंचाए कीमती सामान

इस शिकायत पर संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल ने 6 दिसंबर को विजिलेंस डिपार्टमेंट को जांच का निर्देश दिया। 19 दिसंबर को विजिलेंस विभाग ने PWD के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखी, जिसमें कहा गया कि, उपराज्यपाल कार्यालय से मिले पत्र के मुताबिक, उन लोगों या संगठनों की पहचान करने के लिए जांच का अनुरोध किया गया है, जिन्होंने मुख्यमंत्री के बंगले में महंगे सामान पहुंचाए है।

बता दें कि केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तीन सप्ताह बाद इस मुख्यमंत्री आवास को खाली किया था। इसके दिल्ली की वर्तमान सीएम आतिशी ने अपना कुछ सामान वहां शिफ्ट किया, लेकिन PWD के अधिकारियों ने विवादों के बाद इस सरकारी आवास को सील कर दिया।

रेनोवेशन में खर्च हो चुके है 54 करोड़ रुपये

बताया जा रहा है कि दिल्ली में मुख्यमंत्री के लिए कोई आधिकारिक आवास आरक्षित नहीं है। ,लेकिन 2015 से केजरीवाल इस आवास में रह रहे थे। साल 2020-21 में इस सरकारी आवास का रेनोवेशन कराया गया था। इसके रेनोवेशन में हुए खर्च पर भी विवाद हुआ था। बीजेपी इस बंगले को ‘शीशमहल’ कहती है और आरोप लगाती आई है कि केजरीवाल ने इस बंगले की मरम्मत पर 54 करोड़ रुपये खर्च किए है। इस मामले में सीबीआई जांच कर रही है।

विजेंदर गुप्ता ने 26 दिसंबर को एक बयान जारी किया, जिसमें इन सामानों को कथित शराब नीति घोटाले से भी जोड़ा गया।

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