नई दिल्ली : इस वर्ष की दिवाली ने दिल्ली में शराब की बिक्री के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। दिवाली के पावन अवसर पर दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री से भारी राजस्व कमाया है। पिछले 15 दिनों में कुल 3.9 करोड़ बोतलें बेची गईं, जिससे सरकार को 448 करोड़ रुपये की कमाई हुई। यह आंकड़ा इस बात को दर्शाता है कि दिल्लीवाले त्योहार के मौके पर अपने दोस्तों और परिवार के साथ जश्न मनाने में पीछे नहीं हटते और शराब भी इस जश्न का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है।
शराब की बिक्री में भारी वृद्धि
इस साल दिल्ली सरकार की 680 दुकानों से हुई शराब की बिक्री ने पिछले वर्षों की तुलना में अभूतपूर्व वृद्धि दिखाई है। 2022 में, दिवाली से पहले के दिनों में केवल 1.9 करोड़ बोतलें बिकी थीं, जिनकी कुल कीमत 324 करोड़ रुपये थी। वहीं, 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 2.7 करोड़ बोतलें और 433 करोड़ रुपये हो गया था। अब 2024 में, 3.9 करोड़ बोतलों की बिक्री ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
त्यौहार के दिनों में बढ़ी मांग
शराब व्यापारियों का मानना है कि दशहरा से पहले लगभग तीन हफ्ते तक शराब की बिक्री में कमी रहती है, क्योंकि कई लोग धार्मिक कारणों से शराब का सेवन नहीं करते। लेकिन, दशहरा के बाद से मांग में तेजी आ जाती है और दिवाली के नजदीक आते ही यह अपने चरम पर पहुंच जाती है।
खास दिन की बिक्री के आंकड़े
दिल्ली में 29 अक्टूबर को 35 लाख बोतलें बेची गईं, जो इस साल की सबसे अधिक बिक्री थी। इसके बाद 30 अक्टूबर को यह आंकड़ा घटकर 34 लाख रह गया। 31 अक्टूबर को, दिवाली का त्योहार था और इस दिन सार्वजनिक छुट्टी के कारण शराब की बिक्री पर रोक थी। 2023 में, दिवाली से एक दिन पहले लगभग 28 लाख बोतलें बिकी थीं, जो उस साल का सबसे ज्यादा आंकड़ा था।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार के अधिकारियों का कहना है कि बिक्री के इन आंकड़ों में व्हिस्की, रम, वोदका, जिन के साथ ही बीयर, वाइन और अन्य पेय पदार्थ शामिल हैं। दिवाली के अलावा, नए साल की पूर्व संध्या और होली के समय भी शराब की बिक्री में काफी वृद्धि होती है। इन खास मौकों पर लोग खुद के लिए ही नहीं, बल्कि उपहार देने और स्टॉक करने के लिए भी शराब खरीदते हैं।
तकनीकी सुधार से बढ़ी बिक्री
त्योहारों के मौसम में शराब की बिक्री में वृद्धि से आबकारी विभाग को भी फायदा हुआ है। सितंबर में एक्साइज सप्लाई चेन मैनेजमेंट सिस्टम (ESCIMS) में तकनीकी समस्याओं के कारण कई दुकानों और होटलों में शराब की कमी हो गई थी। हालांकि, अक्टूबर में एक नए पोर्टल के लॉन्च होने के बाद स्थिति में सुधार हुआ और स्टॉक फिर से सामान्य हो गया।
राजस्व में वृद्धि का कारण
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष की एक्साइज ड्यूटी और वैल्यू एडेड टैक्स से सरकारी राजस्व में वृद्धि हुई है। चालू वित्त वर्ष के 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर तक, दिल्ली सरकार ने शराब की बिक्री पर आबकारी शुल्क के माध्यम से 3,047 करोड़ रुपये कमाए हैं, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि में अर्जित 2,849 करोड़ रुपये से लगभग 7% अधिक है। दिल्ली सरकार ने अपने 2024-25 के बजट में आबकारी राजस्व का अनुमान 6,400 करोड़ रुपये लगाया है।
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