धनबाद : झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने शुक्रवार को धनबाद स्थित रणधीर वर्मा चौक पर आयोजित बलिदानी रणधीर प्रसाद वर्मा के 34वें बलिदान दिवस पर आयोजित समारोह में शिरकत की। इस मौके पर राज्यपाल ने रणधीर वर्मा के योगदान और उनके बलिदान को याद करते हुए कहा कि उनका बलिदान देश के इतिहास में अमिट रहेगा।
स्वामी दयानंद के राष्ट्र संदेश को जीवित किया
राज्यपाल संतोष गंगवार ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि रणधीर वर्मा ने स्वामी दयानंद के राष्ट्र निर्माण के संदेश को जीवित करने का कार्य किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरणा स्रोत बताया है। इसके साथ ही उन्होंने झारखंड और बिहार में बदलती विचारधाराओं की ओर भी इशारा किया और कहा कि हमें देशहित को सर्वोपरि मानकर कार्य करना चाहिए।
रणधीर वर्मा के बलिदान को किया याद
राज्यपाल श्री गंगवार ने कहा कि जब से वह इस प्रदेश में आए हैं, तब से उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों की कहानियां सुनी हैं, जो प्रेरणादायक और महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने रणधीर वर्मा के बलिदान को याद करते हुए कहा कि यह घटना उस समय देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण थी, जब आतंकवाद ने देश को अपनी चपेट में लिया था। रणधीर वर्मा ने देश को बचाने के लिए अपनी जान की आहुति दी और यही कारण है कि उन्हें भारत सरकार द्वारा अशोक चक्र से सम्मानित किया गया।
श्रद्धांजलि अर्पित करने पहुंचे अनेक नेता
इस अवसर पर राज्यपाल संतोष गंगवार, बलिदानी रणधीर वर्मा की पत्नी प्रो. रीता वर्मा, राज्यसभा सदस्य दीपक प्रकाश, सांसद ढुलू महतो, विधायक राज सिन्हा, रागिनी सिंह, उपायुक्त माधवी मिश्रा और एसएसपी हृदीप पी जनार्दनन ने रणधीर वर्मा स्मारक पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी।
धनबाद की छवि फिल्मों ने खराब की : प्रो. रीता वर्मा
कार्यक्रम में प्रो. रीता वर्मा ने कहा कि रणधीर वर्मा की शहादत को लोग आज भी सच्चे श्रद्धा और प्रेम के साथ याद करते हैं। उन्होंने कहा कि धनबाद की छवि को फिल्मों ने खराब किया, जबकि यहां के लोग बहुत अच्छे हैं। प्रो. वर्मा ने यह भी कहा कि रणधीर वर्मा के बलिदान के बाद जब उन्हें टिकट मिला, तो उन्हें राजनीति का कोई खास ज्ञान नहीं था, लेकिन स्व. एके राय ने उन्हें काफी कुछ सिखाया। उन्होंने सांसद दीपक प्रकाश का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब उन्होंने रणधीर वर्मा स्मारक स्थल के जीर्णोद्धार के लिए मदद मांगी, तो दीपक प्रकाश ने अपनी तरफ से राशि दी।