इंफाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा पत्र मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को इम्फाल स्थित राजभवन में सौंपा। बीरेन सिंह, जो बीजेपी सरकार का नेतृत्व कर रहे थे, ने यह कदम राज्य में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच उठाया। उनका इस्तीफा कई महीनों तक चले आ रहे असंतोष और पार्टी के भीतर की चर्चाओं के बाद आया है।
इससे पहले दिन में, सिंह ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद, वह बीजेपी सांसद संबित पात्रा, राज्य मंत्रियों और विधायकों के साथ मणिपुर के राज्यपाल से मिलने गए।
पहले भी उठ चुका है इस्तीफे का मुद्दा
मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे की खबरें इससे पहले भी कई बार सामने आ चुकी हैं। मार्च 2022 में, जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मणिपुर विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी, तब बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह कदम नई सरकार के गठन की प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए उठाया था। हालांकि, बाद में बीजेपी ने फिर से उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी और वे दोबारा शपथ ग्रहण कर मुख्यमंत्री बने।
वहीं इसके बाद, जून 2023 में, मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच बीरेन सिंह के इस्तीफे की खबरें सामने आई थीं। ऐसी अटकलें थीं कि वह अपना पद छोड़ सकते हैं। जब यह खबर फैली, तो उनके समर्थकों ने उनके आवास और राजभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और उनसे पद पर बने रहने की अपील की। इसके बाद, बीरेन सिंह ने स्वयं ट्वीट कर स्पष्ट किया कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने कहा, ‘इस नाजुक समय में, मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।’
क्या आगे होगा सत्ता परिवर्तन?
बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद अब मणिपुर में नए मुख्यमंत्री के चयन की प्रक्रिया शुरू होगी। बीजेपी आलाकमान किसी नए नेता को आगे बढ़ा सकता है, या फिर पार्टी बीरेन सिंह को ही मनाने की कोशिश कर सकती है, जैसा कि 2023 में हुआ था। बीरेन सिंह के इस्तीफा के बाद से ही मणिपुर की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।