Home » दिनेश त्रिपाठी बने नौसेना के चीफ, शपथ से पहले लिया मां का आशीर्वाद

दिनेश त्रिपाठी बने नौसेना के चीफ, शपथ से पहले लिया मां का आशीर्वाद

by Rakesh Pandey
Dinesh Tripathi
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

स्पेशल डेस्क : Dinesh K Tripathi: वॉर एक्सपर्ट एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी ने मंगलवार को देश के 26वें नेवी चीफ का प्रभार संभाला। वह आर हरि कुमार के रिटायर होने पर नए नौसेना प्रमुख बने हैं।

कौन हैं Dinesh Tripathi

एडमिरल दिनेश त्रिपाठी का जन्म 15 मई, 1964 को हुआ था। उन्होंने सैनिक स्कूल रीवा और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़कवासला से शिक्षा प्राप्त की। एक जुलाई, 1985 को उन्होंने नौसेना जॉइन की थी। पिछले करीब 40 साल में उन्होंने बतौर कम्युनिकेशन, सिग्नल संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स वॉर एक्सपर्ट व अधिकारी के रूप में युद्धपोतों पर अपनी जिम्मेदारी निभाई। एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी इससे पहले भारतीय नौसेना के उप-प्रमुख का पद संभाल रहे थे। पदभार संभालने से पहले नौसेना प्रमुख पीवीएसएम, एवीएसएम, एनएम एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्हें दिल्ली के साउथ ब्लॉक में गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

कई बार सम्मानित हो चुके हैं नए नेवी चीफ

दिनेश त्रिपाठी नौसेना मेडल और अतिविशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित हो चुके हैं। वे चीफ ऑफ पर्सनल का कार्य भी देख चुके हैं। इसके बाद उन्होंने वेस्टर्न कमांड की कमान संभाली थी, जहां उन्हें फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्हें नेवी का डिप्टी चीफ बनाया गया था। अब उन्होंने नेवी चीफ की जिम्मेदारी संभाली है।

मैं इसे मजबूत करूंगा- एडमिरल त्रिपाठी

नए भारतीय नौसेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में हमारी नौसेना युद्ध के लिए तैयार, एकजुट, विश्वसनीय और भविष्य-प्रूफ बल के रूप में विकसित हुई है। समुद्री क्षेत्र में मौजूदा और उभरती चुनौतियां, यह आदेश दिया गया है कि भारतीय नौसेना को शांति से समुद्र में संभावित विरोधियों को रोकने के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए और ऐसा करने के लिए कहा जाने पर समुद्र में युद्ध जीतना होगा I नई प्रौद्योगिकियों को पेश करने और विकसित भारत के लिए हमारी सामूहिक खोज की दिशा में, राष्ट्रीय विकास का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बनने की दिशा में, आत्मनिर्भरता’ की दिशा में भारतीय नौसेना के निरंतर प्रयासों को मैं और मजबूत करूंगा।

Related Articles