सेंट्रल डेस्क: अमेरिका में पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। न्यूयॉर्क सिटी में स्थित पाकिस्तान सरकार के स्वामित्व वाले रूजवेल्ट होटल में प्रवासियों को ठहराकर करोड़ों डॉलर कमाने का खेल आखिरकार बंद हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के सख्त रुख के बाद न्यूयॉर्क सिटी प्रशासन ने $220 मिलियन (22 करोड़ डॉलर) की डील को रद्द कर दिया है।
यह सौदा मई 2023 में हुआ था, जिसके तहत पाकिस्तानी एयरलाइंस PIA (Pakistan International Airlines) के स्वामित्व वाले रूजवेल्ट होटल को प्रवासियों के लिए अस्थायी आश्रय स्थल (Immigrant Shelter) में बदला गया था। इस फैसले से इस्लामाबाद को मोटी रकम मिल रही थी, लेकिन जैसे ही ट्रंप ने इस मुद्दे को उठाया, मामला तूल पकड़ गया और डील को खत्म कर दिया गया।
पाकिस्तान को झटका, ट्रंप की एंट्री से डील पर लगा ब्रेक
ट्रंप का कहना था कि न्यूयॉर्क प्रशासन अमेरिकी करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग कर रहा है। उनका कहना था कि प्रवासियों को लग्जरी होटलों में ठहराने के लिए सामान्य दर से दोगुना भुगतान किया जा रहा है। ट्रंप ने बताया कि इस होटल को $59 मिलियन (5.9 करोड़ डॉलर) का भुगतान किया गया था।
एलन मस्क (Elon Musk) ने भी ट्रंप का समर्थन करते हुए कहा कि प्रवासियों के लिए होटल में दी जा रही सुविधाएं न्यूयॉर्क के आम नागरिकों के साथ अन्याय हैं।
Roosevelt Hotel में प्रवासियों की भीड़ और बढ़ती समस्याएं
Roosevelt Hotel में करीब 1015 कमरे हैं, जिनमें प्रति रात $200 की दर से हजारों प्रवासियों को ठहराया गया। मई 2023 से फरवरी 2024 तक करीब 173,000 प्रवासियों ने यहां सेवाएं लीं। होटल को प्रवासी शेल्टर और इनटेक सेंटर (Intake Center) के रूप में उपयोग किया जा रहा था।
लेकिन समय के साथ होटल में कई समस्याएं सामने आईं। होटल के बाहर डेरा जमाए शरणार्थियों की भीड़ से न्यूयॉर्क के स्थानीय लोग और दक्षिणपंथी समूह नाराज हो गए। विरोध इतना बढ़ गया कि न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स (Eric Adams) को इस शेल्टर साइट को बंद करने का फैसला लेना पड़ा।
पाकिस्तान सरकार के लिए बड़ा नुकसान
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (PIA) ने 2005 में $36 मिलियन में इस होटल में सऊदी हिस्सेदारी खरीदी थी, जिससे होटल पर पाकिस्तान सरकार का पूरा मालिकाना हक हो गया था। यह होटल पाकिस्तान के लिए एक फाइनेंशियल सपोर्ट सिस्टम बन गया था, लेकिन अब इस डील के रद्द होने से उसे बड़ा आर्थिक झटका लगा है।
ट्रंप का कड़ा रुख और बाइडन प्रशासन पर हमला
ट्रंप ने इस डील को “अमेरिकन टैक्सपेयर्स के साथ धोखा” बताया और अमेरिका की इमिग्रेशन पॉलिसी को लापरवाही से चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ऐसे सौदे अमेरिका की आंतरिक सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के लिए खतरनाक हैं।