नई दिल्ली: आखिरकार आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को शराब घोटाला मामले में पूछताछ के बाद ED ने गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार सुबह से ही संजय सिंह के आवास पर ईडी की छापेमारी चल रही थी। शाम तक संजय सिंह को गिरफ्तार करने की सूचना सामने आ गई। गिरफ्तारी के कुछ देर बाद संजय सिंह ने वीडियो संदेश जारी किया। इसमें उन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशान साधा। दावा किया कि नरेंद्र मोदी चुनाव हार रहे हैं। यह कार्रवाई विपक्षी नेताओं को फंसाने की साजिश का परिणाम है।इससे पहले इस मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं।
आम आदमी पार्टी कर रही प्रदर्शन
आम आदमी पार्टी ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी की ओर से इस कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह बिल्कुल गैर कानूनी है। इसमें मोदी जी की बौखलाहट नजर आ रही है। लोकसभा चुनाव आते-आते कई और विपक्ष नेताओं को गिरफ्तार किया जा सकता है।
संजय सिंह के आवास के सामने जमा हो गए थे आप कार्यकर्ता:
संजय सिंह की गिरफ्तारी की जैसे ही खबर सामने आई, उनके आवास पर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जमा हो गए। इसे देखते हुए वहां बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। जिसके बाद संजय सिंह को गिरफ्तार कर ले जाया गया। इस दौरान आप कार्यकर्ता केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए।
आज ईडी के लॉकअप में गुजरेगी संजय सिंह की रात:
संजय सिंह को ईडी के दफ्तर में ले जाया गया है। कहा जा रहा है कि आज की रात वह ईडी के लॉकअप में ही रहेंगे। मेडिकल कराए जाने के बाद उनको गुरुवार सुबह कोर्ट में पेश किया जाएगा।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में बुधवार सुबह AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के आवास पर छापे मारे। अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में कुछ अन्य लोगों के परिसरों पर भी छापे मारे गए। ईडी ने इस मामले में पहले उनके स्टाफ सदस्यों और उनसे जुड़े अन्य लोगों से पूछताछ की थी।
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यह है आरोप:
ऐसा आरोप है कि शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए दिल्ली सरकार की 2021-22 के लिए लाई गई। आबकारी नीति ने गुटबंदी को बढ़ावा दिया और कुछ डीलरों को फायदा पहुंचाया। जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी। आप ने इस आरोप का खंडन किया है। दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से इस मामले की जांच कराने की सिफारिश करने के बाद इस नीति को रद्द कर दिया गया था।