Home » करंट प्रवाहित तार बने गजराजों के काल, गिरिडीह में करंट से हाथी की मौत

करंट प्रवाहित तार बने गजराजों के काल, गिरिडीह में करंट से हाथी की मौत

by Rakesh Pandey
गिरिडीह में करंट से हाथी की मौत
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

गिरिडीह : झारखंड के जंगलों को गजराजों के लिए सुरक्षित, संरक्षित किया गया है। उद्देश्य यह कि हाथियों को प्राकृतिक रूप से जीवन जीने में परेशानी नहीं है। साथ ही वे खुलकर विचरण कर सकें। अब तो यह सोचने की सख्त जरूरत है कि नैसर्गिक जीवन देने का वादा करनेवालो विभाग क्या कर रहा है। हाल ही में पूर्वी सिंहभूम जिले में एक ही झटके में पांच हाथियों की मौत हो गई थी।

गिरिडीह में करंट से हाथी की मौत

यह मौतें विद्युत प्रवाहित तार की चपेट में आने से हुई थीं। लोगों व वन विभाग की टीम ने चिंता जताई। उनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। इस घटना की चर्चा चल ही रही है। उधर, गिरिडीह के ताराटांड़ थाना क्षेत्र के निमाटांड़ गांव के पास बुधवार आधी रात को एक हाथी की मौत करंट से हो गई।

हाथियों को भगा रहे थे लोग, भागते समय लगा करंट
घटना गिरिडीह के ताराटांड़ थाना क्षेत्र के निमाटांड़ गांव के पास की है। कुछ हाथियों के विचरण करने की सूचना थी। इसके बाद ग्रामीण इलाके से सुरक्षित बाहर निकालने के वन कर्मी व ग्रामीण हाथियों को खदेड़ रहे थे। इसी भागदौड़ के क्रम में एक हाथी करंट प्रवाहित झूले तार की चपेट में आ गया। चिंघाड़ और तड़प के साथ घटना स्थल पर ही हाथी का दम निकल गया। इसके बाद सुबह तक शव घटनास्थल पर ही पड़ा रहा। ग्रामीणों की भीड़ रही। सूचना मिलने के बाद डीएफओ प्रवेश अग्रवाल मौके पर पहुंचे।

खदेड़ते-खदेड़ते नदी के पार पहुंच गए ग्रामीण
दरअसल मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के झलकडीहा गांव के समीप जंगल से ग्रामीणों व वन विभाग के कर्मी हाथियों के झुंड को आबादी की सीमा से दूर खदेड़ रहे थे। इसी क्रम में खदेड़ते-खदेड़ते उसरी नदी पार कर के ताराटांड़ थाना क्षेत्र के मरखोगुंडी गांव पहुंचे। मेरखोगुंडी गांव के ग्रामीणों ने हाथियों के झुंड को खदेड़ा। निमाटांड़ गांव से गुजरने के दौरान एक हाथी बिजली तार के संपर्क में आ गया। कुछ देर तक तो लोगों का ध्यान उस हाथी पर नहीं गया। अन्य हाथियों को खदेड़ कर पुनः मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के उसरी नदी तट व टुंडी थाना क्षेत्र की सीमा उसरी फाल के क्षेत्र में पहुंचा दिया गया।

तीन दिनों से लगातार विचरण कर रहे थे हाथी
ग्रामीणों के अनुसार हाथियों का झुंड उसरी नदी तट व टुंडी थाना क्षेत्र की सीमा उसरी फाल के क्षेत्र में डेरा डाले है। तीन दिनों से लगातार हाथियों का झुंड ताराटांड़ थाना क्षेत्र व अहिल्यापुर थाना क्षेत्र की सीमा के गांवों में विचरण कर रहा है। ग्रामीणों के बीच दहशत कायम हो गई हैं। रेंजर सुरेश ने पुष्टि करते हुए कहा कि एक हाथी की मौत करंट से हुई है। इधर, दो दिन पहले अहिल्यापुर थाना क्षेत्र निवासी दादा व पोती को कुचल कर हाथियों ने मार दिया था। खेत में लगे धान को भी बर्बाद किया था।

READ ALSO : दिसंबर में विभिन्न राज्यों में अलग-अलग कारणों से हो रहे बैंक हॉलिडे, जानें क्यों और कब?

Related Articles