Home » Institute of Engineers Jamshedpur : इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में मना अभियंता दिवस, डीप टेक व इंजीनियरिंग एक्सीलेंस पर जोर

Institute of Engineers Jamshedpur : इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स में मना अभियंता दिवस, डीप टेक व इंजीनियरिंग एक्सीलेंस पर जोर

* सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को दी गई श्रद्धांजलि...

by Anand Mishra
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Follow Now

Jamshedpur (Jharkhand) : लौहनगरी के साकची स्थित इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (IEI) इंडिया, जमशेदपुर केंद्र में सोमवार को 58वां इंजीनियर्स डे बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। यह अवसर भारत रत्न और महान अभियंता सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की 164वीं जयंती को समर्पित रहा।

मुख्य अतिथि इंजीनियर शरद कुमार शर्मा (महाप्रबंधक, टाटा ग्रोथ शॉप, TSL) और इंजीनियर सतीश कुमार तिवारी (अध्यक्ष, IEI JLC) ने IEI परिसर में सर विश्वेश्वरैया की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की।

इंजीनियर्स डे का महत्व और इस वर्ष के विषय

इसके बाद स्वागत भाषण में इंजीनियर्स डे के महत्व और इस वर्ष के विषय का परिचय दिया गया।—“डीप टेक और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता” विषय पर व्याख्यानसमारोह में मुख्य वक्ता इंजीनियर शरद कुमार शर्मा ने “डीप टेक एंड इंजीनियरिंग एक्सीलेंस: ड्राइविंग इंडियाज़ टेकएड” विषय पर विस्तार से व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि डीप टेक और इंजीनियरिंग उत्कृष्टता को केवल अवधारणा से लेकर सार्वजनिक उपयोग तक ले जाने वाले गैजेट और तकनीक के विकास के जरिए ही हासिल किया जा सकता है।

तीन चरणों में भारत का तकनीकी विकास

उन्होंने बताया कि भारत तकनीकी विकास के तीन चरणों पर कार्य कर रहा है। इसमें पहला वैश्विक स्तर पर सेवाओं का विस्तार, दूसरा ग्लोबल कैपेसिटी सेंटर्स (GCCs) की मजबूती और तीसरा मौलिक विज्ञान से लेकर तकनीक को व्यावसायिक उपयोग के लिए विकसित करना है। शर्मा ने यह भी कहा कि आज़ादी के बाद भारत में तकनीक सीमित थी, लेकिन अब इंजीनियर नवाचार और व्यावसायीकरण के जरिए सार्वजनिक हित में नई संभावनाएं ला रहे हैं।

सर विश्वेश्वरैया का योगदान

समारोह में वक्ताओं ने सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के जीवन पर भी प्रकाश डाला। बताया गया कि वे न केवल एक महान अभियंता थे, बल्कि मैसूर के दीवान भी बने और एचएएल, मैसूर सोप फैक्ट्री और वृंदावन गार्डन जैसी परियोजनाओं में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा।भारत सरकार ने उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए उन्हें 1955 में भारत रत्न से सम्मानित किया। उन्हें भारत में आर्थिक नियोजन का अग्रदूत भी कहा जाता है।

बड़ी संख्या में इंजीनियरों की भागीदारी

समारोह में शहर के प्रतिष्ठित इंजीनियरों और अतिथियों ने बड़ी संख्या में शिरकत की। इसमें 57 कॉर्पोरेट और गैर-कॉर्पोरेट सदस्य शामिल हुए। कार्यक्रम का समापन डॉ. सीरम माधुरी (संयुक्त सचिव, IEI Jamshedpur Local Centre) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

Related Articles

Leave a Comment