नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने विदेश व्यापार नीति के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में एक बड़ी सफलता हासिल की है। ईओडब्ल्यू ने 30.47 करोड़ रुपये की ठगी के आरोपी अंगद पाल सिंह उर्फ अंगद सिंह चांढोक को अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद गिरफ्तार किया है।
आरोपी अंगद पाल सिंह ने अपने परिवार के साथ मिलकर 467 फर्जी विदेशी आवक प्रेषण प्रमाणपत्र (एफआईआरसी) बनाकर ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स हासिल की। इन स्क्रिप्स को खुले बाजार में बेचकर उन्होंने सरकारी खजाने को 30.47 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। जांच में पता चला कि अंगद पाल सिंह अपने पिता सुरिंदर सिंह और भाई हरसाहिब सिंह के साथ पांच फर्मों का मालिक था, जिनका उपयोग वे फर्जी एफआईआरसी बनाने और ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स हासिल करने के लिए करते थे।
आरोपी अंगद पाल सिंह ने अपने परिवार के साथ मिलकर फर्जी एफआईआरसी बनाने के लिए एक जटिल नेटवर्क तैयार किया था। उन्होंने आईसीआईसीआई बैंक में खाते खोले और बैंक कर्मचारियों के साथ सांठगांठ कर दस्तावेजों का प्रसंस्करण किया। फर्जी एफआईआरसी के आधार पर उन्होंने ड्यूटी क्रेडिट स्क्रिप्स हासिल की और उन्हें खुले बाजार में बेच दिया।
आरोपी अंगद पाल सिंह को अमेरिका से प्रत्यर्पित किया गया और सीबीआई द्वारा एक अन्य धोखाधड़ी मामले में गिरफ्तार किया गया था। ईओडब्ल्यू ने 2 जून 2025 को उसे गिरफ्तार किया और अदालत से उसकी पुलिस हिरासत प्राप्त की। वर्तमान में वह न्यायिक हिरासत में है।
इस मामले में तीन अन्य आरोपियों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। मामले की आगे की जांच जारी है। डीसीपी विक्रम के. पोरवाल ने बताया कि आरोपी अंगद पाल सिंह ने अपने पिता के साथ काम शुरू किया और आयात-निर्यात के कारोबार की जानकारी हासिल की। उसने परिवार और दोस्तों की कुछ फर्मों को उच्च रिटर्न का लालच देकर इस धोखाधड़ी में शामिल किया।
अंगद पाल सिंह ने दिल्ली में 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है। उसके पिता सुरिंदर सिंह ऑटो स्पेयर पार्ट्स के निर्यातक थे और उनकी फर्म नेशनल ट्रेडर थी। अंगद ने अपने पिता के साथ काम शुरू किया और आयात-निर्यात के कारोबार की जानकारी हासिल की।