नई दिल्ली : एस्सार समूह के सह-संस्थापक शशि रुइया का 81 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार समूह की नींव रखी थी। उनके निधन की खबर से न केवल उनका परिवार, बल्कि भारतीय उद्योग जगत में भी गहरा शोक है। शशि रुइया का निधन 25 नवंबर को देर रात मुंबई में हुआ। वह एक महीने पहले अमेरिका से इलाज कराकर वापस लौटे थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी मंजू और दो बेटे प्रशांत तथा अंशुमान शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शशि रुइया के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भारतीय उद्योग जगत की महान शख्सियत बताया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, “शशि रुइया जी का निधन बेहद दुखद है। वह दूरदर्शी नेतृत्व के साथ उत्कृष्टता के प्रतीक थे, और उनकी अटूट प्रतिबद्धता ने भारत के कारोबारी परिदृश्य को पूरी तरह से बदल दिया।”
प्रधानमंत्री ने आगे लिखा, “उन्होंने हमेशा नवाचार और विकास के लिए उच्च मानक स्थापित किए। उनके पास हमेशा नए विचार होते थे, और वह लगातार इस बात पर चर्चा करते थे कि हम अपने देश को कैसे और बेहतर बना सकते हैं।”
एस्सार समूह की स्थापना और उद्योग में योगदान
शशि रुइया का उद्योग जगत में कदम 1965 में उनके पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में हुआ था। 1969 में उन्होंने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर चेन्नई बंदरगाह पर ‘आउटर ब्रेकवाटर’ का निर्माण किया, जो एस्सार समूह की नींव बनी। इसके बाद एस्सार समूह ने इस्पात, तेल शोधन, अन्वेषण, दूरसंचार, बिजली और निर्माण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई और एक भारतीय बहुराष्ट्रीय कंपनी के रूप में स्थापित हुआ।
अंतिम दर्शन और शवयात्रा
पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक, शशि रुइया का पार्थिव शरीर 26 नवंबर को रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। अंतिम यात्रा रुइया हाउस से शाम चार बजे हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।