पलामू : झारखंड के पलामू जिले में नकली शराब और फर्जी दस्तावेजों से जुड़े एक बड़े तस्करी नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। उत्पाद विभाग की हरिहरगंज में की गई छापेमारी के दौरान 1335 पेटी डुप्लीकेट शराब जब्त की गई। जांच में सामने आया कि बोतलों पर लगे ब्रांड नाम पूरी तरह फर्जी हैं और देश में कहीं रजिस्टर्ड नहीं हैं।
Palamu News : फर्जी लेबल, नकली कागजात और बिना लाइसेंस का ब्रांड
उत्पाद अधीक्षक संजीत देव के मुताबिक बरामद शराब की बोतलों पर कोई वैध निर्माता कंपनी का नाम नहीं लिखा है।
यहां तक कि ‘स्वास्थ्य के लिए हानिकारक’ जैसी अनिवार्य चेतावनी भी गायब है। लेबल, कैप और जानकारी तीनों अलग-अलग और अवैध हैं। माफिया स्वयं ब्रांड बनाकर बाजार में शराब सप्लाई कर रहे हैं।
स्थानीय स्तर पर तैयार, बिहार में सबसे बड़ा बाजार
कार्रवाई में यह भी सामने आया कि नकली शराब का उत्पादन स्थानीय स्तर पर किया जा रहा है, और बिहार—जहां शराबबंदी है—इस रैकेट का सबसे बड़ा बाजार है। झारखंड और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में इस नकली शराब की सप्लाई की जा रही है।
Palamu News : अवैध स्प्रिट से बन रही है नकली शराब
मार्च 2025 में नौडीहा बाजार थाना क्षेत्र में की गई छापेमारी में 2.4 लाख लीटर अवैध स्प्रिट बरामद हुआ था। पिछले 5 वर्षों में पलामू में 5 लाख लीटर से अधिक स्प्रिट जब्त किया जा चुका है, जिसका इस्तेमाल डुप्लीकेट शराब बनाने में किया जाता है।
फर्जी परमिट और अंतरराज्यीय नेटवर्क का खुलासा
कुछ हफ्ते पहले पलामू पुलिस ने दमन से भूटान भेजी जा रही शराब की दो बड़ी खेप को जब्त किया था। इसमें फर्जी ट्रांसपोर्ट परमिट का इस्तेमाल किया जा रहा था। इन घटनाओं से साफ है कि शराब माफिया का नेटवर्क झारखंड, बिहार, दमन, और भूटान तक फैला हुआ है।