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गोरखपुर चिड़ियाघर में मादा भेड़िया ‘भैरवी’ की हार्ट अटैक से मौत, बिसरा जांच के लिए भेजा गया

20 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन दोनों भेड़ियों का नामकरण किया था। नर भेड़िए को 'भैरव' और मादा को 'भैरवी' नाम दिया गया था।

by Anurag Ranjan
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गोरखपुर : गोरखपुर चिड़ियाघर में आठ महीने पहले रेस्क्यू कर लाई गई मादा भेड़िया ‘भैरवी’ की सोमवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा नामकरण की गई इस भेड़िया की मौत की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुई है। फिलहाल बिसरा सुरक्षित कर उसे जांच के लिए बरेली स्थित इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (IVRI) भेजा गया है।

बहराइच से रेस्क्यू कर लाया गया था भैरवी को

भैरवी को बहराइच के 35 गांवों में फैले आदमखोर भेड़ियों के झुंड से 10 सितंबर को रेस्क्यू कर गोरखपुर चिड़ियाघर लाया गया था। इससे 13 दिन पहले नर भेड़िया ‘भैरव’ को भी यहां लाया गया था। दोनों को चिड़ियाघर के क्वारंटाइन सेल में चार महीने तक रखा गया और फिर उन्हें दर्शकों के लिए बाड़े में छोड़ा गया।

सीएम योगी ने किया था नामकरण

20 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन दोनों भेड़ियों का नामकरण किया था। नर भेड़िए को ‘भैरव’ और मादा को ‘भैरवी’ नाम दिया गया था। उसी दिन पीलीभीत टाइगर रिजर्व से आए बाघ ‘केसरी’ को भी बाड़े में छोड़ा गया था, जिसकी 30 सितंबर को मौत हो गई थी।

तीन दिन से नहीं खा रही थी भैरवी

चिड़ियाघर प्रशासन के मुताबिक, भैरवी पिछले तीन दिनों से खाना-पीना छोड़ चुकी थी और उसकी निगरानी की जा रही थी। रविवार सुबह उसे बाड़े में सुस्त बैठे देखा गया। जब जू-कीपर ने सूचना दी तो जांच करने पर उसकी सांसें बंद पाई गईं। पशु चिकित्सकों की पांच सदस्यीय टीम ने उसका पोस्टमार्टम किया।

पोस्टमार्टम में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि

चिड़ियाघर के निदेशक विकास यादव ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की बात सामने आई है। हालांकि, मौत के पीछे की गहराई से जांच के लिए बिसरा IVRI बरेली भेजा गया है।

12 वर्ष की थी भैरवी, उम्र भी बनी वजह?

चिड़ियाघर के उप निदेशक और मुख्य पशु चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह के अनुसार, भैरवी की उम्र 12 साल हो चुकी थी, जबकि जंगल में भेड़ियों की औसत आयु 8-9 साल होती है। चिड़ियाघर में बेहतर देखभाल के चलते इनकी उम्र कुछ बढ़ जाती है।

रेस्क्यू के बाद चार भेड़ियों को मिला था नया ठिकाना

बहराइच के आदमखोर भेड़ियों के झुंड से रेस्क्यू किए गए चार भेड़ियों में से दो को गोरखपुर और दो को लखनऊ चिड़ियाघर भेजा गया था। वन्यजीव विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक संजय श्रीवास्तव की निगरानी में यह रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया था।

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