कोलकाता : मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में एक्सपायर्ड सलाइन के इस्तेमाल से एक प्रसूता की मौत और कई अन्य के बीमार पड़ने के मामले ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम, और मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को भाजपा विधायकों के साथ स्वास्थ्य भवन का घेराव किया और सरकार पर सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने इस मामले की न्यायिक जांच के लिए कोलकाता हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की।
विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
अधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने गलत जानकारी देकर जनता को गुमराह किया। विभाग के दावे के विपरीत, एक्सपायर्ड सलाइन को आठ जनवरी तक प्रतिबंधित नहीं किया गया था। शुभेंदु ने सबूत पेश करते हुए कहा कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट के बाद ही प्रतिबंध का आदेश जारी हुआ।
उन्होंने राज्यभर में पिछले एक महीने में प्रसूताओं को दी गई जहरीली सलाइन की सूची सार्वजनिक करने और उनकी स्वास्थ्य जांच करवाने की भी मांग की। विशेषज्ञों के अनुसार, सलाइन का असर अगले छह महीने में किडनी फेल होने जैसे गंभीर परिणाम दे सकता है।
सीआईडी जांच जारी
सीआईडी ने लगातार दूसरे दिन मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज में जांच की। डीएसपी रैंक के अधिकारी ने वरिष्ठ डॉक्टरों, प्रशिक्षु डॉक्टरों और नर्सों से पूछताछ की। मृत प्रसूता मामोनी रुईदास और बीमार प्रसूता रेखा साव के परिवारों से भी बयान लिए गए।
सीआईडी सूत्रों के अनुसार, सर्जरी और डिलीवरी की जिम्मेदारी जूनियर डॉक्टरों को सौंपे जाने की बात सामने आई है। इसके अलावा, अस्पताल प्रशासन से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं।
शुभेंदु अधिकारी की मांग
- न्यायिक जांच : कोलकाता हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में एसआईटी का गठन।
- सीबीआई की भूमिका : एसआईटी में सीबीआई के प्रतिनिधि की भागीदारी सुनिश्चित करना।
- प्रसूता सूची सार्वजनिक : एक्सपायर्ड सलाइन लेने वाली सभी महिलाओं की जानकारी साझा करना।


