मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश के खंडवा से एक चौंकाने वाला मामला उभर कर सामने आया है। जहां एक महिला ने दो शादियां कीं और अपने पहले पति को इसकी जानकारी नहीं होने दी। पहले पति से भरण-पोषण लेते हुए उसने दूसरी शादी छिपाई, लेकिन हाल ही में न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई करते हुए उसके अधिकारों को निरस्त कर दिया। प्रधान न्यायाधीश योगराज उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि लगातार भरण-पोषण लेना और दूसरी शादी करना कानूनी रूप से गलत है।
मामले की जड़
सीहोर जिले के बड़ियाखेड़ी निवासी संदीप ने कोर्ट मे दावा किया कि पत्नी सोनू अलग होकर गुजारा भत्ता ले रही थी। संदीप ने बताया कि वह 12 दिसंबर, 2018 से प्रतिमाह 2500 रुपये दे रहा है लेकिन, जब सोनू ने दूसरी शादी की और एक बेटी को जन्म दिया, तो पहले पति ने इस पर आपत्ति जताई। उसके वकील प्रवीण गंगराड़े ने न्यायालय में महिला की दूसरी शादी के दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिससे अदालत ने पहले पति की याचिका को स्वीकार कर लिया।
कोर्ट का निर्णय
कोर्ट ने कहा कि चूंकि महिला अपने दूसरे पति से शादीशुदा नहीं है, इसलिए वह भरण-पोषण की हकदार नहीं हो सकती। यदि किसी महिला को अपने पहले पति से भरण-पोषण चाहिए, तो उसे तलाक लेना होगा। इस मामले में दोनों ने सीहार में शादी की थी और महिला पिछले 6 साल से पहले पति से गुजारा भत्ता ले रही थी।
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