RANCHI (JHARKHAND): फेस्टिव सीजन शुरू हो चुका है। इसे लेकर प्रशासन ने कमर कस ली है। वहीं लोगों की सेहत को लेकर भी जिला प्रशासन गंभीर है। ऐसे में खाद्य पदार्थों का कारोबार करने के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है। इतना ही नहीं दुकानों के बाहर लाइसेंस की कॉपी डिसप्ले पर लगानी होगी। जिससे कि ग्राहकों को ये आसानी से दिख सके। बता दें कि खाने में मिलावट पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ने ये कदम उठाया है। उपायुक्त मंजूनाथ भजन्त्री ने स्पष्ट कहा है कि त्योहारों के दौरान किसी भी प्रकार की खाद्य मिलावट, रसायनों के प्रयोग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मिलावट पर होगी कार्रवाई
सभी खाद्य कारोबारियों के लिए एफएसएसएआई से वैध लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन लेना अनिवार्य किया गया है। बिना लाइसेंस संचालन को दंडनीय अपराध माना जाएगा। प्रतिष्ठानों को लाइसेंस की कॉपी साफ तौर पर प्रदर्शित करनी होगी। वहीं दूध, मिठाई, घी, तेल, खोवा, पनीर और ड्राई फ्रूट्स जैसे उत्पादों में मिलावट पाए जाने पर नमूने जब्त कर नष्ट किए जाएंगे। साथ ही संबंधित कारोबारी पर मुकदमा दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। औद्योगिक रंग, अखाद्य रंग, डिटर्जेंट, यूरिया जैसे खतरनाक रसायनों का खाद्य उत्पादों में प्रयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है। दोषी पाए जाने पर जेल भेजने और आर्थिक दंड दोनों का प्रावधान है।
प्रतिष्ठानों में स्वच्छता अनिवार्य
होटल, मिठाई दुकानों, रेस्टोरेंट और स्ट्रीट फूड वेंडरों को रसोईघर, बर्तनों और खाद्य सामग्री की साफ-सफाई बनाए रखना जरूरी होगा। गंदगी मिलने पर प्रतिष्ठान को सील किया जा सकता है। उपायुक्त के निर्देश पर सभी खाद्य कारोबारियों को अपने कर्मचारियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराना होगा और मेडिकल फिटनेस प्रमाणपत्र रखना अनिवार्य होगा।
गिफ्ट पैक पर लिखना होगा डिटेल
मिठाई और ड्राई फ्रूट्स के गिफ्ट पैक पर सामग्री की पूरी जानकारी अंकित करना जरूरी होगा, ताकि ग्राहकों को उसकी खरीदारी के बारे में स्पष्ट जानकारी हो। उन्होंने कहा कि मेले और सार्वजनिक स्थानों पर अस्थायी दुकानें लगाने वाले स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को भी वैध लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। साथ ही खाद्य सामग्री को ढककर रखना होगा। उपायुक्त ने दो टूक कहा कि त्योहारों में बढ़ी हुई मांग को देखते हुए मिलावट करना गंभीर अपराध है और प्रशासन ऐसे किसी भी कृत्य को नजरअंदाज नहीं करेगा। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि यदि उन्हें कहीं खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता पर संदेह हो, तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें।
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