गोंडा : उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता और पूर्व कृषि मंत्री आनंद सिंह का रविवार देर रात लखनऊ में निधन हो गया। वे 86 वर्ष के थे। उन्हें ‘यूपी टाइगर’ के नाम से भी जाना जाता था। आनंद सिंह चार बार गोंडा से लोकसभा सांसद रहे और 2012 में समाजवादी पार्टी से विधायक चुने गए थे। बताया जा रहा है कि उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सोमवार को उनका पार्थिव शरीर मनकापुर कोट लाया गया, जहां अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। उनका अंतिम संस्कार पारिवारिक रीति-रिवाजों के अनुसार किया जाएगा।
लंबा रहा राजनीतिक सफर
राजा आनंद सिंह का जन्म 4 जनवरी 1939 को हुआ था। उन्होंने 1971 में कांग्रेस पार्टी से पहली बार गोंडा से लोकसभा चुनाव जीतकर राजनीति की शुरुआत की। इसके बाद 1980, 1984 और 1989 में भी सांसद चुने गए। यानी वे कुल चार बार गोंडा से सांसद रहे।
Former Agriculture Minister Anand Singh passed away : राम मंदिर की लहर में हार गए
1991 में राम मंदिर आंदोलन की लहर में वे बृजभूषण शरण सिंह से हार गए थे। 1996 में उन्होंने समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार उनकी पत्नी केतकी देवी सिंह ने ही भाजपा प्रत्याशी बनकर उन्हें हरा दिया। इसके बाद उन्होंने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।
2012 में कृषि मंत्री बने
2012 में उन्होंने समाजवादी पार्टी से गौरा विधानसभा सीट से जीत हासिल की और राज्य सरकार में कृषि मंत्री बने। इसके बाद उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली।
Former Agriculture Minister Anand Singh passed away : ‘यूपी टाइगर’ के नाम से थे मशहूर
राजा आनंद सिंह को उनके समर्थक और करीबी ‘यूपी टाइगर’ कहते थे। पूर्वांचल की राजनीति में उनका खास दबदबा था। कहा जाता था कि मनकापुर कोट का आशीर्वाद जिसे मिल जाता, वह चुनाव जीत जाता था। उनके करीबी बताते हैं कि कांग्रेस के समय उन्हें सादा चुनाव चिह्न मिलता था और वे जिसे चाहते, टिकट दे देते थे।
लोगों से था गहरा रिश्ता
आनंद सिंह का जीवन सादगी भरा था और वे मिलनसार स्वभाव के नेता माने जाते थे। वे आम लोगों से जुड़े रहते थे और हमेशा जनता के बीच सक्रिय रहते थे। उनके निधन से गोंडा जिले और आसपास के इलाकों में गहरा शोक है।
राजनीति में बेटे की सक्रिय भूमिका
आनंद सिंह के बेटे कीर्तिवर्धन सिंह इस समय गोंडा से भाजपा सांसद हैं और विदेश राज्य मंत्री के रूप में केंद्र सरकार में कार्य कर रहे हैं।
आनंद सिंह के निधन पर राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र के लोगों ने शोक जताया है। सोशल मीडिया पर भी उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। सभी ने उन्हें एक जननेता, जमीन से जुड़ा व्यक्ति और सच्चा सेवक बताया है।


