नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच हुए द्विपक्षी वार्ता में दोनों देश कई मुद्दों पर सहमत हुए। इसमें भारत द्वारा 31 ड्रोन खरीदने और जेट इंजनों के संयुक्त विकास की दिशा में आगे बढ़ने का शुक्रवार को स्वागत किया और द्विपक्षीय रक्षा साझेदारी को प्रगाढ़ व विविधतापूर्ण बनाने का संकल्प लिया। दोनों नेताओं ने 50 मिनट से अधिक समय तक चली वार्ता में भारत की जी-20 अध्यक्षता, परमाणु ऊर्जा सहयोग, 6 जी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी महत्वपूर्ण व उभरती प्रौद्योगिकियों और बहुपक्षीय विकास बैंकों को मौलिक रूप से नया आकार देने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आये हैं। वह शाम करीब सात बजे दिल्ली पहुंचे और हवाईअड्डे पर गीत-संगीत कार्यक्रम के साथ उनका स्वागत किया गया।
31 एमक्यू-9बी ड्रोन विमान से बढ़ेगी भारत की ताकत :
संयुक्त बयान में कहा गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिकी रक्षा क्षेत्र की जानीमानी कंपनी जनरल एटॉमिक्स से 31 एमक्यू-9बी ड्रोन विमान खरीदने के लिए भारत के रक्षा मंत्रालय की ओर से अनुरोध पत्र जारी होने का स्वागत किया। बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने अमेरिकी संसद की अधिसूचना प्रक्रिया पूरी होने और भारत में जीई एफ-414 जेट इंजन बनाने के लिए जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) के बीच एक वाणिज्यिक समझौते के लिए बातचीत शुरू होने का भी स्वागत किया।
बाइडन भारत की जी-20 अध्यक्षता की सराहना की :
संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने इस अभूतपूर्व सह-उत्पादन एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रस्ताव की प्रगति का समर्थन करते हुए सहयोगात्मक तरीके और तेजी से काम करने की प्रतिबद्धता जताई है। वार्ता के दौरान बाइडन ने यह प्रदर्शित करने के लिए भारत की जी-20 अध्यक्षता की सराहना की कि कैसे एक मंच के रूप में जी-20 महत्वपूर्ण परिणाम दे रहा है।
संयुक्त बयान में कहा गया है कि मोदी और बाइडन ने जी-20 के प्रति प्रतिबद्धता दोहरायी और विश्वास जताया कि शिखर सम्मेलन के परिणाम साझा लक्ष्यों की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेंगे। दोनों नेताओं ने मुक्त, खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हुए ‘क्वाड’ के महत्व को दोहराया।
सेमीकंडक्टर के निर्माण सहयोग का वादा :
भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मोदी 2024 में भारत की मेजबानी में आयोजित होने वाले ‘क्वाड’ नेताओं के अगले शिखर सम्मेलन में बाइडन का स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। दोनों नेताओं ने अपनी सरकारों से सभी आयामों में भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी में बदलाव पर काम जारी रखने का भी आह्वान किया और लचीली वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण के लिए अपना समर्थन दोहराया। बयान के अनुसार, नेताओं ने इस बात पर फिर से जोर दिया कि स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार, समावेश, बहुलवाद और सभी नागरिकों के लिए समान अवसर के साझा मूल्य हमारे देशों की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं और ये मूल्य हमारे संबंधों को मजबूत बनाते हैं।
भारत-अमेरिका ने अगले साल भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में भेजने को लेकर बातचीत शुरू की :
भारत और अमेरिका ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने साल के अंत तक मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक रणनीतिक ढांचा तैयार करने को लेकर बातचीत शुरू कर दी है। दोनों देश 2024 में एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भेजने की योजना बना रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग और आदित्य-एल-1 सौर मिशन की सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बधाई दी।
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दोनों नेताओं के बीच करीब 52 मिनट तक चली वार्ता:
पीएम मोदी वह जो बाइडन के बीच 52 मिनट तक चली वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है, बाहरी अंतरिक्ष अन्वेषण में हमारी साझेदारी को प्रगाढ़ बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित इसरो और नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए एक संयुक्त मिशन के तौर-तरीकों और प्रशिक्षण पर चर्चा शुरू कर दी है और 2023 के अंत तक मानव अंतरिक्ष उड़ान के लिए एक रणनीतिक ढांचे को अंतिम रूप देने का प्रयास जारी हैं। जून में मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान, बाइडन ने घोषणा की थी कि भारत और अमेरिका 2024 में अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर एक अंतरिक्ष यात्री भेजने के लिए सहयोग कर रहे हैं।