

पलामू, झारखंड : झारखंड पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता में, कुख्यात आपराधिक गिरोह का सरगना गौतम कुमार सिंह उर्फ डब्लू सिंह ने पलामू पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। पलामू की पुलिस अधीक्षक (एसपी) रीष्मा रमेशन के सामने डब्लू सिंह ने अपने हथियार डालकर खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। झारखंड के आपराधिक इतिहास में यह एक महत्वपूर्ण घटना है, क्योंकि डब्लू सिंह राज्य में पहला ऐसा संगठित आपराधिक गिरोह का सरगना है, जिसने पुलिस के सामने अपनी हार स्वीकार करते हुए आत्मसमर्पण किया है।

Palamu Police : क्या कहा एसपी ने
एसपी रीष्मा रमेशन ने डब्लू सिंह के आत्मसमर्पण की पुष्टि करते हुए इसे पलामू पुलिस के लिए एक बड़ी कामयाबी बताया है। उन्होंने कहा कि यह घटना अपराधियों के लिए एक स्पष्ट संदेश है कि कानून से कोई बच नहीं सकता। डब्लू सिंह का आत्मसमर्पण पुलिस की उस पहल को भी दर्शाता है, जिसमें अपराधियों को मुख्यधारा में लौटने और एक सामान्य जीवन जीने का अवसर दिया जाता है। इस कदम से न केवल एक बड़े आपराधिक गिरोह का अंत होगा, बल्कि झारखंड में संगठित अपराध पर लगाम लगाने में भी मदद मिलेगी।

डब्लू सिंह का आपराधिक इतिहास और नेटवर्क
मूल रूप से पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना क्षेत्र के फुलांग गांव का रहने वाला डब्लू सिंह वर्ष 2006-07 से ही अपराध की दुनिया में सक्रिय था। उसका आपराधिक नेटवर्क सिर्फ पलामू तक सीमित नहीं था, बल्कि यह गढ़वा, लातेहार, चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, रांची और जमशेदपुर जैसे कई जिलों में फैला हुआ था। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, गैंगस्टर डब्लू सिंह पर कुल 37 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, रंगदारी, अपहरण और जानलेवा हमला जैसे संगीन अपराध शामिल हैं।

Palamu Police : डब्लू सिंह पर था 40 हजार रुपये का इनाम
डब्लू सिंह की गिरफ्तारी पर झारखंड पुलिस ने 40 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था, जबकि उसके लिए 5 लाख रुपये का इनाम भी प्रस्तावित था। इस अपराधी की तलाश झारखंड पुलिस को लंबे समय से थी। 2016 में पलामू की एक अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन वह जमानत पर बाहर आने के बाद से ही फरार चल रहा था। उसकी यह फरारी 2020 में और बढ़ गई, जब उसका नाम मेदिनीनगर टाउन थाना क्षेत्र में कुख्यात गैंगस्टर कुणाल सिंह की हत्या में सामने आया। इस हत्याकांड के बाद से वह लगातार पुलिस की पकड़ से दूर था।
