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UP पुलिस के डर से गैंगस्टर थाने से पहले फेसबुक पर लाइव गया, कहीं एकाउंटर न हो जाए

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, था कि आप पावर को एंजॉय कर रहे हैं। लेकिन आपको संवेदनशील होने की जरूरत है।

by Reeta Rai Sagar
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लखनऊः उत्तर प्रदेश में बीते कई मामलों में हुए एनकाउंटर की खबरों से न केवल आम जनता बल्कि गैंगस्टर भी खौफ खाए हुए है। इसलिए थाने से बुलावा आते ही वो पहले फेसबुक से लाइव जाते है, फिर पुलिस स्टेशन पहुंचते है। ऐसा ही मामला गैंगस्टर अनुराग दुबे के साथ हुआ, जब वे फर्रूखाबाद के एक थाने में अपना बयान दर्ज कराने पहुंचे।

थाने पहुंचने से पहले फेसबुक से लाइव हुआ गैंगस्टर

1 दिसंबर को गैंगस्टर अनुराग दुबे उर्फ डब्बन दुबे को फर्रूखाबाद के मऊ दरवाजे थाने से बुलावा आया। उत्तर प्रदेश पुलिस से मिली फटकार के बाद गैंगस्टर थाने में बयान दर्ज कराने पहुंचने से पहले फेसबुक पर लाइव गए। थाने में एंट्री से पहले फेसबुक पर लाइव जाकर उन्होंने अपने सभी परिचितों को बताया कि वे बयान दर्ज कराने थाने पहुंचे है।

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी गिरफ्तारी पर रोक

इस दौरान अनुराग दुबे के साथ उसका एक साथी भी मौजूद था। थाने पहुंचने से पहले उसने फेसबुक लाइव किया, जिसका कारण उसका डर बताया गया। उनको डर था कि उत्तर प्रदेश पुलिस उनका एनकाउंटर कर सकती है। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में अनुराग दुबे ने ये बात खुद स्वीकारी थी। अनुराग दुबे को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली थी। कोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी।

थाने में की गई ड्रोन से निगरानी
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही वह मऊ दरवाजे थाने में अपना बयान दर्ज कराने पहुंचा था। यहां करीब एक घंटे तक पुलिस ने उससे पूछताछ की और उसका बयान स्टेटमेंट लिया गया। गैंगस्टर का बयान दर्ज कराने से पहले थाना परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे और साथ ही ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जा रही थी। बयान दर्ज कराने के बाद थाने के बाहर मीडिया से बातचीत करते हुए अनुराग ने कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट पर हजार प्रतिशत भरोसा है। मेरे खिलाफ लगाए गए मुकदमें पूरी तरह से फर्जी हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग दुबे के सभी पुराने और नए मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाई है।

पुलिस ने रखा था 50 हजार का ईनाम

कोर्ट के फैसले से पहले फरारी के दौरान पुलिस ने अनुराग दुबे पर 50 हजार का इनाम घोषित किया था। 28 नवंबर को अनुराग दुबे की अग्रिम जमानत की अर्जी पर सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यूपी पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, था कि आप पावर को एंजॉय कर रहे हैं। लेकिन आपको संवेदनशील होने की जरूरत है।


कोई नहीं छुएगा अनुराग दुबे को, वरना हम ऐसा आदेश पारित करेंगे…..

शीर्ष अदालत में अनुराग दुबे मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि उसके खिलाफ पुलिस ने कई मामले दर्ज किए हैं और वो इसलिए जांच के लिए पुलिस के सामने पेश होने से बच रहा है, क्योंकि उसे डर है कि पुलिस उसके खिलाफ नया मुकदमा दर्ज कर देगी। जस्टिस सूर्यकांत ने यूपी पुलिस की ओर से पेश वकील से कहा कि आप अपने डीजीपी को बता सकते हैं कि अगर याचिकाकर्ता अनुराग दुबे को छुआ गया तो हम ऐसा कठोर आदेश पारित करेंगे जो पूरी जिंदगी याद रहेगा।

अनुराग के भाई भी है जेल में
अनुराग दुबे के खिलाफ धोखाधड़ी, मारपीट और जालसाजी के कई मामले दर्ज हैं। उस पर एनएसए और गुंडा एक्ट के तहत भी उस पर केस दर्ज है। गैंगस्टर बहुजन समाजवादी पार्टी नेता और माफिया अनुपम दुबे के भाई है। अनुपम दुबे भी पुलिस इंस्पेक्टर रामनिवास यादव हत्याकांड मामले में मथुरा जेल में आजीवन सजा काट रहा है।

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