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Jamshedpur Gender Mela : ‘युवा’ ने किया ‘जेंडर मेला’ का आयोजन, जेंडर आधारित भेदभाव पर हुई व्यापक चर्चा : Jharkhand Gender Equality

by Birendra Ojha
Jharkhand Gender Equality
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Jamshedpur Gender Mela : जमशेदपुर (झारखंड) : युवा, किशोर-किशोरियों, विकलांगों व समाज में हाशिए पर चल रहे लोगों के लिए कार्यरत संस्था ‘युवा’ ने तीसरे ‘जेंडर मेला’ का आयोजन करनडीह के एलबीएसएम काॅलेज में शनिवार को किया। बता दें कि पहला मेला पिछले साल एग्रिको क्लब हाउस और दूसरा पोटका में आयोजित हुआ था। मेले के माध्यम से सभी प्रकार के लोग आकर जेंडर आधारित भेदभाव, परेशानियों और सफलता आदि को लेकर अपनी आवाज साझा करते हैं और इससे ‘विविधता का उत्सव’ नजर आता है, जहां समानता पर चर्चा होती है। जेंडर मेला का थीम भी यही है–‘समानता का उत्सव मनाना और समानता सुनिश्चित करना’।

कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत मुख्य अतिथि वरिष्ठ पत्रकार संजय मिश्र ने अन्य अतिथियों और लोगों की उपस्थिति में गुब्बारे उड़ाकर की। इसके बाद एलबीएसएम काॅलेज के छात्र ने स्वागत गीत गाकर अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर एलबीएसएम कॉलेज के प्राचार्य डाॅ. अशोक कुमार झा, अंग्रेजी विभाग की एचओडी डाॅ. मौसमी पाल, परसुडीह के थाना प्रभारी अविनाश कुमार और डालसा की अधिवक्ता प्रीति मूर्मू मौजूद रहीं।

कार्यक्रम में युवा की सचिव वर्णाली चक्रवर्ती ने युवा संस्था के कार्यों के बारे में उपस्थित लोगों को बताया कि यह संस्था जेंडर समानता, विकलांगता, सबर, ट्रांस समुदाय समेत सभी अन्य मुद्दों पर कार्य कर रही है। बाल विवाह के खिलाफ लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। वर्णाली ने बताया कि कैसे थानों में साइन लैंग्वेज इंटरप्रेटर न होने से विकलांगजनों को दिक्कतें आती हैं। यहां तक कि झारखंड हाई कोर्ट में कई मामले इसी वजह से लंबित चल रहे हैं।

एलबीएसएम काॅलेज के प्राचार्य सह विशिष्ट अतिथि डाॅ.अशोक कुमार झा ने कहा कि ऐसे नेक कार्यक्रम का हिस्सा बनकर कॉलेज परिवार खुद को खुशनसीब समझ रहा है। उन्होंने कहा कि काॅलेज में लैंगिक समानता का माहौल है। लड़का हो, लड़की हो या थर्ड जेंडर, किसी के लिए कोई बाधा नहीं है, लेकिन सामाजिक परिस्थितियों को देखते हुए कॉलेज प्रशासन खुलासा नहीं करता कि अमुक थर्ड जेंडर है, ताकि छात्र की पढाई बाधित न हो।

एलबीएसएम काॅलेज के अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष सह कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि डाॅ. मौसमी पाल ने कहा कि हर किसी को जीने का अधिकार है. वर्क प्लेस, स्कूल-काॅलेज में जितने जागरूकता कार्यक्रम होंगे, जेंडर समानता की ओर हम बढते जाएंगे।

मुख्य अतिथि संजय मिश्र ने कहा कि पहले से काफी बदलाव आया है। पहले स्कूल- काॅलेज में ऐसे कार्यक्रमों की परिकल्पना भी संभव नहीं थी। आज स्त्री, पुरूष और ट्रांसजेंडर की बात हो रही है। फिर भी, आगे और रास्ता तय करना है। बिना शैक्षणिक संस्थानों में इन मुद्दों को लेकर जागरूकता फैलाए बदलाव की उम्मीद बेमानी है। उन्होंने कहा कि एलजीबीटीक्यूप्लस के लिए अब तक कोई हिंदी शब्द नहीं खोजा जा सका है, जिस पर काम करना जरूरी है।

अधिवक्ता प्रीति मूर्मू ने कहा कि थर्ड जेंडर को हमने इंसान समझा ही नहीं। घर में विकलांग को जगह है, लेकिन थर्ड जेंडर को नहीं। हालांकि बदलाव आया है, फिर भी, जमशेदपुर की बात करें तो, अब तक थर्ड जेंडर के लोग खुद के साथ होने वाली हिंसा को लेकर कोर्ट की शरण में नहीं आए हैं।

विशिष्ट अतिथि परसुडीह के थाना प्रभारी अविनाश कुमार ने कहा कि जेंडर कोई भी हो, मगर अधिकार सबका बराबर है। उन्होंने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि अभी तक उनके थाने में ट्रांसजेंडर समुदाय से जुड़े लोग अपनी समस्या लेकर नहीं पहुंचे हैं। थाना प्रभारी ने आश्वस्त किया कि उनके नेतृत्व में थाना में किसी भी प्रकार का कोई लैंगिक भेदभाव नहीं होगा, लोग बेहिचक आएं, कानून सम्मत कार्रवाई होगी।

विशिष्ट अतिथि वीरेंद्र टेटे (डायरेक्टर, समेकित विकास केंद्र) ने कहा कि बदलाव की शुरुआत खुद से होती है। लैंगिक समानता को लेकर हमें अपना नजरिया बदलना होगा।

कार्यक्रम में क्विज प्रतियोगिता और ‘जेंडर’ को लेकर छात्र-छात्राओं द्वारा नाटक प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही, लैंगिक समानता पर एक पैनल डिस्कशन भी हुआ। इस पैनल डिस्कशन का संचालन ASS की प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेट
लखी दास ने किया।

पैनल डिस्कशन में निम्नलिखित लोगों ने भाग लिया–

  • श्रुति (लीडर गर्ल, पोटका)
  • नीतू कुमारी (वन स्टाॅप सेंटर)
  • डाॅ. पुरुषोत्तम (एचओडी, हिंदी विभाग, एलबीएसएम काॅलेज)
  • अरुण कुमार (अध्यक्ष, झारखंड विकलांग मंच)
  • ऋषिका (ट्रांसजेंडर सदस्य, पीपल फाॅर चेंज)

जेंडर मेला में विभिन्न स्टालों में हाथ से बनी वस्तुओं और कलाकृतियों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसके अलावा, डालसा और वन स्टाॅप सेंटर के स्टाॅल के माध्यम से छात्रों और आगंतुकों को लैंगिक समानता से जुड़े कानूनों के प्रति जागरुक किया गया। कई स्टालों में जनजातीय खानपान को पेश किया गया। टैटू के स्टाॅल पर विद्यार्थियों की खासी भीड़ रही। जेंडर मेला में पोस्टर और स्लोगन प्रतियोगिता भी हुई, जिसके विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।


इन प्रतियोगिताओं के नतीजे निम्नलिखित रहे–

Poster making

1st राहुल सिंह
2nd हीरा भूमिक
3rd मोहन होनहागा
4th आराधना सरदार
5th शिवानी सोरेन

Solgan writing

1st पुतुल हेंब्रम
2nd सीमा भूमिज
3rd प्रदीप कुमार
4th अर्जुन सोरेन
5th संगीता मुर्मू

युवा संस्था एवं ‘क्रिया’, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में संचालित कार्यक्रम ‘वीमेन गैनिंग ग्राउंड’ के तहत उपरोक्त जेंडर मेला, इंटरनल क्वॉलिटी एश्योरेंस सेल और एलबीएसएम कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अंजना देवगम और अन्नी अमृता ने किया। वहीं, अंत में एलबीएसएम की प्राध्यापक चंदन जायसवाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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