Jamshedpur (Jharkhand) : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले की घाटशिला विधानसभा उपचुनाव को लेकर चल रही राजनीतिक गहमागहमी के बीच एक अप्रत्याशित घटना सामने आई है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता रमेश हांसदा की तबीयत अचानक बिगड़ गई है, जिसके बाद उन्हें आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।

टिकट की घोषणा के बाद से ही तनाव में थे रमेश हांसदा
जानकारी के अनुसार, विधानसभा टिकट की घोषणा के बाद से ही हांसदा गहरे तनाव में थे। पार्टी ने इस महत्वपूर्ण सीट से पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जो पहले भी इस क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं। रमेश हांसदा, जो कि भाजपा के एसटी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य हैं, पिछले एक महीने से घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में लगातार सक्रिय थे और सघन जनसंपर्क अभियान चला रहे थे।
टिकट की दौड़ में आगे थे रमेश हांसदा
सूत्रों की मानें तो रमेश हांसदा टिकट के प्रमुख दावेदारों में शामिल थे और उनका नाम दौड़ में काफी आगे चल रहा था। अंतिम समय में पार्टी का टिकट बाबूलाल सोरेन को दिए जाने के फैसले से हांसदा बेहद निराश थे। इस गहरे राजनीतिक तनाव और निराशा के बीच बुधवार रात उनकी तबीयत अचानक गंभीर रूप से बिगड़ गई। तबीयत खराब होते ही, परिजनों ने उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज
राजनीतिक हलकों में यह घटना बड़े पैमाने पर चर्चा का विषय बनी हुई है। वहीं, कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व द्वारा किए गए टिकट वितरण को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। हालांकि, कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के इस फैसले को उपचुनाव जीतने की रणनीतिक आवश्यकता बताया है। रमेश हांसदा का अचानक बीमार पड़ना घाटशिला उपचुनाव से पहले बीजेपी के लिए एक आंतरिक चुनौती बन गया है।
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