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Ghazipur News : 20 हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़े गए जिला सचिवालय के वरिष्ठ सहायक निलंबित, विभागीय जांच शुरू

Ghazipur Bribery Case : 18 जुलाई 2025 को एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक उमाशंकर सिंह के नेतृत्व में जाल बिछाया गया। जैसे ही प्रेमानंद सिन्हा ने 20 हजार रुपये की रकम अभिनव यादव को सौंपी, टीम ने उसे मौके पर ही रंगे हाथ पकड़ लिया।

by Anurag Ranjan
Anti-Corruption Bureau arrests senior assistant red-handed taking bribe in Ghazipur district secretariat
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गाजीपुर : जिला सचिवालय में भ्रष्टाचार (Ghazipur Bribery Case) का एक बड़ा मामला सामने आया है। कलेक्ट्रेट परिसर में कार्यरत वरिष्ठ सहायक अभिनव यादव को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार होने के बाद डीएम अविनाश कुमार के आदेश पर तत्काल प्रभाव से उन्हें निलंबित कर दिया गया है। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

Ghazipur Bribery Case : रिटायर्ड कर्मी से मांगी थी 40 हजार रुपये की रिश्वत

यह मामला सेवानिवृत्त प्रधान सहायक प्रेमानंद सिन्हा से जुड़ा है, जो 30 जून 2025 को डीएम कार्यालय से रिटायर हुए थे। उनका जीपीएफ भुगतान अटका हुआ था, जबकि 20 मई को उनकी लेखा पर्ची आ चुकी थी और महालेखाकार से भुगतान की अनुमति भी मिल चुकी थी। जब वह वरिष्ठ सहायक अभिनव यादव से मिले, तो उसने 40 हजार रुपये की रिश्वत मांगी।

प्रेमानंद सिन्हा ने कई बार पुराने सहयोगी होने की बात कहते हुए मदद मांगी, लेकिन अभिनव यादव ने बिना रिश्वत लिए कोई काम करने से मना कर दिया। परेशान होकर उन्होंने वाराणसी एंटी करप्शन टीम से संपर्क किया और शिकायत दर्ज कराई।

रंगे हाथ पकड़ा गया भ्रष्ट कर्मचारी

18 जुलाई 2025 को एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक उमाशंकर सिंह के नेतृत्व में जाल बिछाया गया। जैसे ही प्रेमानंद सिन्हा ने 20 हजार रुपये की रकम अभिनव यादव को सौंपी, टीम ने उसे मौके पर ही रंगे हाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के बाद उसे वाराणसी की एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

Ghazipur Bribery Case : निलंबन के साथ संपत्ति जांच की भी मांग

अभिनव यादव के निलंबन के बाद प्रशासनिक हलकों में हलचल मच गई है। डीएम के आदेश के बाद विभागीय जांच शुरू हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक, यदि उसकी संपत्ति की भी जांच होती है, तो कई हैरान करने वाले खुलासे हो सकते हैं।

खादर की जमीन पर अवैध कब्जे का भी आरोप

बताया जा रहा है कि अभिनव यादव ने अपने पैतृक गांव देवरिया के पास गंगा खादर की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर रखा है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कई बार एसडीएम और डीएम कार्यालय में की, लेकिन अपने रसूख के दम पर वह हर बार कार्रवाई रुकवा देता था। अब जब वह जेल की सलाखों के पीछे है, तो गांव के किसान उम्मीद जता रहे हैं कि अब उन्हें न्याय मिलेगा।

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