गिरिडीह : झारखंड के गिरिडीह जिला अंतर्गत बिरनी में चार माह बाद शनिवार की रात को हाथियों का झुंड पहुंचा और जमकर उत्पात मचाया। बिरनी प्रखंड के गांवों में घुस कर खेतों में धान की फसल को रौंद दिया, जिससे किसान दहशत में आ गए हैं। बताया जाता है कि शुक्रवार की शाम को हजारीबाग के जंगल से निकल कर हाथियों ने बराकर नदी पार कर बिरनी के दलांगी-लेवरा जंगल पहुंच गया था। रात भर जंगल में हाथियों का झुंड घूमता रहा। अब हाथियों को सुरक्षित और बड़े जंगल की ओर खदेड़ने के लिए क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) पीछे-पीछे चल रही है।
इसके बाद शनिवार की रात को लेवरा-दलांगी जंगल से निकल कर 32 हाथियों का झुंड हरदिया, घोरमोरा, चितनखारी, वेलना, ताराटांड़, जमुनियाटांड़, परतमा आदि गांवों में पहुंचा। यहां हाथियों ने दर्जनों किसानों की खेत मे लगी धान की फसल को नष्ट कर दिया। हाथियों के पीछे वन विभाग की क्यूआरटी ग्रामीणों को सतर्क रहने व सहयोग करने की अपील कर रही है।झुंड को गांव में घुसने से रोकने के लिए रातभर ग्रामीण व क्यूआरटी के सदस्य जगह-जगह आग जलाते रहे। मशाल लेकर पटाखे फोड़ते हुए खदेड़ते रहे। क्यूआरटी के वाहन में लगे सायरन भी बजाए जा रहे थे।
ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों के झुंड ने रविवार की सुबह परतमा जंगल में डेरा डाल दिया है। हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीण दहशत में है। जंगल किनारे खेतों में धान की फसल लगी हुई है। इससे ग्रामीणों को धान काटने की चिंता सताने लगी है। क्यूआरटी के सदस्य अनु सोरेन ने कहा कि हाथियों ने किसानों का कितना नुकसान किया है, इसका आकलन किया जा रहा है। किसान वन विभाग को आवेदन दें, मुआवजा मिलेगा।
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