गिरिडीह : जिले में शारदीय नवरात्र के समापन पर विजयादशमी के दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का पारंपरिक विधि से विसर्जन किया गया। जय दुर्गे के उद्घोष, ढोल-ढाक और गाजे-बाजे के साथ शुक्रवार को हजारों श्रद्धालुओं ने भावपूर्ण विदाई दी। जिले के विभिन्न पूजा समितियों द्वारा स्थापित प्रतिमाओं का विसर्जन बरवाडीह मानसरोवर जलाशय में सम्पन्न हुआ।
बरवाडीह मानसरोवर तालाब में हुआ विसर्जन
गुरुवार को जिले के लगभग 12 प्रमुख पूजा स्थलों-बरगंडा काली मंडा, श्री श्री आदि दुर्गा मंडा, गांधी चौक दुर्गा मंडा, पचम्बा गढ़मंडा, मोहनपुर, पुराना जेल भवन दुर्गा मंडा सहित अन्य स्थानों से प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। शुक्रवार को भी रुक-रुक कर हो रही बारिश के बीच श्रद्धालुओं की भीड़ विसर्जन शोभायात्रा में उमड़ पड़ी।
सिंदूर खेला और खोइछा देने की परंपरा निभाई गई
विसर्जन से पूर्व पूजा मंडपों में महिलाओं ने मां दुर्गा को खोइछा देने और सिंदूर लगाने की परंपरा निभाई। इसके बाद महिलाओं ने एक-दूसरे के साथ सिंदूर खेला कर शुभकामनाएं दीं। गोधूलि बेला में जैसे ही प्रतिमाएं पंडालों से बाहर निकलीं, माहौल भावुक हो गया। भक्तों ने नम आंखों से मां को विदाई दी और अगले वर्ष पुनः आगमन की कामना करते हुए जयकारे लगाए।
सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद
विसर्जन के दौरान संभावित दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए थे। तालाब के आसपास जवानों की तैनाती की गई थी और एनडीआरएफ की टीम को भी सक्रिय रखा गया। झारखंड सरकार के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी देर रात तक मौके पर मौजूद रहे और मां दुर्गा को हाथ जोड़कर विदाई दी।
Read Also- JHARKHAND POLITICS NEWS: भाजपा ने आदित्य साहू को झारखंड प्रदेश का कार्यकारी अध्यक्ष किया नियुक्त