गिरिडीह : जिले के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित शिवम स्टील फैक्ट्री एक बार फिर सवालों के घेरे में है। तेज धधकते फर्नेस के पास काम कर रहा 25 वर्षीय मुकेश वर्मा अचानक गर्म पानी के टैंक में गिर पड़ा और फिर कभी वापस नहीं लौटा। महज एक हादसा नहीं, ये एक लापरवाह व्यवस्था की कीमत थी, जो एक जिंदगी निगल गई। घटना के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा, धरना, नारेबाजी और इंसाफ की गुहार। यह घटना सोमवार देर रात हुई, जिसके बाद मंगलवार को आक्रोशित ग्रामीणों और परिजनों ने मृतक के शव के साथ फैक्ट्री का गेट जाम कर विरोध प्रदर्शन किया।
Giridih Hindi News : कैसे हुई घटना?
जानकारी के अनुसार, मृतक मुकेश वर्मा उदनाबाद गांव के ही रहने वाले थे और फैक्ट्री में काम करते थे। सोमवार देर रात वह ब्लास्ट फर्नेस के पास काम कर रहे थे, तभी अचानक वह फर्नेस से निकलने वाले गर्म पानी के टैंक में गिर गए। हादसे में वह बुरी तरह झुलस गए। उन्हें तुरंत इलाज के लिए धनबाद ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
Giridih Hindi News : मुआवजा और नौकरी की मांग को लेकर हंगामा
मंगलवार सुबह जब घटना की खबर गांव वालों तक पहुंची, तो वे बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर शिवम फैक्ट्री के गेट पर पहुंच गए। उन्होंने मृतक मुकेश वर्मा के शव को वहीं रखकर धरना शुरू कर दिया। उनकी मुख्य मांग थी कि मृतक के परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और परिवार के किसी आश्रित को फैक्ट्री में स्थायी नौकरी दी जाए।
धरने में शामिल भाजपा नेता दिलीप उपाध्याय और मजदूर संगठन समिति के कन्हाई पांडेय जैसे लोगों ने आरोप लगाया कि शिवम फैक्ट्री में लापरवाही के कारण पहले भी कई मजदूरों की जान जा चुकी है, लेकिन प्रबंधन केवल मुआवजा देकर मामले को रफा-दफा कर देता है।
पुलिस और प्रशासन मौके पर मौजूद
मामले की गंभीरता को देखते हुए महतोडीह पुलिस भी मौके पर पहुंची और प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया। पुलिस लोगों से शांति बनाए रखने और बातचीत के जरिए समाधान निकालने की अपील कर रही थी। हालांकि, परिजन और ग्रामीण अपनी मांगों पर अड़े रहे। इस घटना ने एक बार फिर औद्योगिक क्षेत्रों में मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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