गोरखपुर : गोरखपुर समेत पूर्वांचल के कई हिस्सों में नदियों का जलस्तर (Gorakhpur Flood) लगातार बढ़ रहा है। नेपाल की पहाड़ियों पर हो रही भारी बारिश का असर अब यूपी की नदियों पर भी दिखने लगा है। मंगलवार सुबह तक राप्ती, सरयू और रोहिन नदियों में जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
राप्ती नदी में छोड़ा गया 68 हजार क्यूसेक पानी
राप्ती नदी में 68,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से जलस्तर में और वृद्धि की आशंका है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटे में राप्ती का जलस्तर 45 सेंटीमीटर और रोहिन नदी का जलस्तर 1 मीटर बढ़ा है। राप्ती इस वर्ष पहली बार दोनों किनारों के तटबंधों तक पहुंचने लगी है, जबकि रोहिन नदी खतरे के निशान से अब केवल 3.72 मीटर नीचे बह रही है।
Gorakhpur Flood : सरयू नदी लाल निशान के करीब
सरयू नदी में 3.36 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। बाराबंकी के एल्गिन ब्रिज पर इसका जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। वहीं अयोध्या में सोमवार शाम को यह लाल निशान से सिर्फ 15 सेंटीमीटर नीचे था। देवरिया के बरहज क्षेत्र में भी जलस्तर में 20 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है।
Gorakhpur Flood : बड़हलगंज में बाढ़ का अलर्ट, प्रशासन मुस्तैद
गोरखपुर की गोला तहसील के बड़हलगंज क्षेत्र में तीनों प्रमुख नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर क्षेत्रीय तटबंधों की निगरानी शुरू कर दी है। सिंचाई विभाग द्वारा सभी संवेदनशील स्थानों पर निगरानी तेज कर दी गई है।
गोर्रा नदी में भी उफान
गोर्रा नदी का जलस्तर 25 सेंटीमीटर बढ़ा है, हालांकि यह अभी भी खतरे के निशान से 4.20 मीटर नीचे बह रही है। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता विकास कुमार सिंह ने बताया कि सरयू और राप्ती नदियों में छोड़े गए पानी का प्रभाव अगले दो दिनों तक और अधिक दिख सकता है।
उन्होंने बताया कि सभी अभियंता टीम लगातार तटबंधों की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। जहां भी दबाव या रिसाव की संभावना है, वहां तत्काल मरम्मत कराई जा रही है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है और बाढ़ (Gorakhpur Flood) से निपटने के लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
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