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World Health Day Special : देश का पहला राज्य, जहां छात्रों को मिलता है डिजिटल हेल्थ कार्ड

by Anand Mishra
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नई दिल्ली : हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, और इस बार इसकी थीम मातृ और नवजात स्वास्थ्य पर केंद्रित है। इस वर्ष का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को सशक्त बनाना और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश बढ़ाना है। इस मौके पर गुजरात सरकार ने कई प्रभावशाली और नवाचारी कदम उठाए हैं, जिनकी वजह से यह राज्य मातृ एवं बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में देश का एक अग्रणी राज्य बन चुका है।

गुजरात सरकार ने डिजिटल हेल्थ कार्ड के माध्यम से छात्रों के स्वास्थ्य पर खास ध्यान दिया है। गुजरात देश का एकमात्र राज्य है, जो छात्रों को डिजिटल हेल्थ कार्ड प्रदान करता है। इस पहल को पिछले साल 2024 में राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली थी। अब तक 1.15 करोड़ से अधिक डिजिटल हेल्थ कार्ड छात्रों को दिए जा चुके हैं।

मातृ और शिशु स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार

गुजरात में मातृ मृत्यु दर में 50 प्रतिशत की कमी और शिशु मृत्यु दर (IMR) में 57.40 प्रतिशत की गिरावट आई है। राज्य सरकार सतत विकास लक्ष्यों (SDG) के तहत 2030 तक शिशु मृत्यु दर को एकल अंक में लाने की दिशा में काम कर रही है। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि गुजरात ने मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किए हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र में गुजरात की पहल

जनवरी 2025 तक, गुजरात में 206 किडनी ट्रांसप्लांट, 37 लीवर ट्रांसप्लांट, और 211 बोन मैरो ट्रांसप्लांट सफलतापूर्वक किए गए हैं। इसके अलावा, 20,981 बच्चों को किडनी संबंधित बीमारियों के लिए, 11,215 बच्चों को कैंसर के इलाज के लिए और 1,67,379 बच्चों को हृदय संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए नि:शुल्क इलाज मुहैया कराया गया है।

गुजरात सरकार की एक और महत्वपूर्ण पहल “ब्रेकिंग द साइलेंस” अभियान के तहत गंभीर श्रवण हानि से पीड़ित बच्चों को नि:शुल्क कॉक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की सुविधा दी जा रही है। अब तक इस अभियान के माध्यम से 3,260 बच्चों की सुनने की क्षमता वापस लाई जा चुकी है।

गुजरात को मिली राष्ट्रीय मान्यता

गुजरात की इन स्वास्थ्य क्षेत्र में किए गए सुधारों को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। फरवरी 2025 में गुजरात स्वास्थ्य विभाग को बाल स्वास्थ्य के क्षेत्र में दो प्रतिष्ठित गोल्ड एसकेओसीएच अवार्ड प्राप्त हुए हैं। इसके अलावा, गुजरात ने 2019 से 2023 के बीच नवजात शिशु स्वास्थ्य की जांच, जन्मजात विकारों की पहचान और उनके प्रभावी प्रबंधन के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पहला स्थान प्राप्त किया।

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