गुमला : गुमला जिले के मुरकुंडा कुम्हारटोली में लकड़ी चुनने गई महिला का शव रविवार को बोरे में बंद हालत में बरामद किया गया। तीन दिन पहले लापता हुई इस महिला की पहचान चंद्रावती देवी, पत्नी सीताराम महतो, के रूप में हुई है। परिजनों ने हत्या के पीछे डायन प्रथा को जिम्मेदार ठहराया है और अंधविश्वास के आधार पर हत्या का आरोप लगाया है।
जंगल में मिली महिला की टूटी चूड़ियां और जलाऊ लकड़ी
पुलिस के अनुसार, महिला 12 दिसंबर को जंगल में लकड़ी चुनने गई थी, जिसके बाद से वह लापता थी। खोजबीन के दौरान जंगल से महिला की टूटी चूड़ियां और जलाऊ लकड़ी का गट्ठर बरामद हुआ। रविवार सुबह कोलंबी क्षेत्र में पुलिस ने बोरे में बंद महिला का शव बरामद किया। शव मिलने के बाद इलाके में सनसनी फैल गई।
परिजनों का गंभीर आरोप
मृतका के बेटे सुनील महतो ने पुलिस में दर्ज शिकायत में बताया कि उनकी मां को गांव के कुछ लोग डायन कहकर प्रताड़ित करते थे। उन्होंने आरोप लगाया कि आठ महीने पहले भी कुछ लोगों ने उनकी मां को मारने की कोशिश की थी। हालांकि, उस समय पुलिस में शिकायत देने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुनील ने कहा कि उनकी मां को लंबे समय से जान से मारने की धमकियां दी जा रही थीं।
पुलिस की प्रतिक्रिया
एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव ने बताया कि महिला की गुमशुदगी का मामला पहले ही दर्ज किया गया था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और हत्या के कारणों की जांच जारी है। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए छानबीन तेज कर दी गई है।
डायन प्रथा से जुड़े मामलों पर चिंता
यह घटना झारखंड में डायन प्रथा से जुड़ी घटनाओं की कड़ी में एक और उदाहरण है। ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास और सामाजिक शोषण के चलते महिलाओं को डायन बताकर उनकी हत्या किए जाने के मामले सामने आते रहते हैं।
अपराधियों की तलाश जारी
पुलिस ने बताया कि मामले की तहकीकात गहराई से की जा रही है। अपराधियों को पकड़ने के लिए इलाके में व्यापक छापेमारी की जा रही है। ग्रामीणों से भी पूछताछ की जा रही है।
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