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ज्ञानपीठ पुरुस्कार 2023 की घोषणा, गुलजार व रामभद्राचार्य को मिलेगा ज्ञानपीठ पुरस्कार

by Rakesh Pandey
Gyanpeeth Award 2023
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सेंट्रल डेस्क। Gyanpeeth Award 2023 : भारतीय साहित्य के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान के रूप में प्रतिष्ठित ज्ञानपीठ पुरस्कारों (Gyanpeeth Award 2023) की घोषणा कर दी गई है। 2023 के लिए घोषित 58वें ज्ञानपीठ पुरस्कारों में साहित्य जगत की नामीगिरामी हस्तियों को शामिल किया गया है। साल 2023 के लिए Gyanpeeth Award 2023 दो प्रतिष्ठित लोगों को मिल है। इनमें शामिल हैं गीतकार, शायर और उर्दू के साहित्यकार गुलज़ार और संस्कृत विद्वान व तुलसी पीठ के संस्थापक जगद्गुरु रामभद्राचार्य।

गुलजार: हिंदी साहित्य के स्तंभ

गुलजार, जिन्हें ‘शब्दों का जादूगर’ कहा जाता है, ने हिंदी साहित्य में अमूल्य योगदान दिया है। वे एक प्रसिद्ध गीतकार, कवि, पटकथा लेखक, फिल्म निर्देशक और लेखक हैं। गुलजार ने 50 से अधिक वर्षों तक भारतीय सिनेमा और साहित्य को समृद्ध किया है। उनकी रचनाओं में ‘आंधी’, ‘मौसम’, ‘अंगूर’, ‘इजाजत’, ‘मौसम’ और ‘परदेस’ जैसी फिल्में और ‘एक पल’, ‘रात ढलती है’, ‘आंखें बंद कर लो’ और ‘दिल ढूंढता है’ जैसी कविताएं शामिल हैं।

रामभद्राचार्य: संस्कृत भाषा के विद्वान

जगद्गुरु रामभद्राचार्य, जिन्हें ‘शंकराचार्य’ के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध संस्कृत विद्वान, शिक्षाविद्, दार्शनिक और हिंदू धर्मगुरु हैं। उन्होंने वेद, शास्त्र, दर्शन और साहित्य पर कई ग्रंथ लिखे हैं। रामभद्राचार्य ‘रामायण’ और ‘गीता’ पर अपने भाषणों के लिए भी प्रसिद्ध हैं।

Gyanpeeth Award 2023: पुरस्कार समारोह

ज्ञानपीठ पुरस्कार समारोह 2024 में आयोजित किया जाएगा। पुरस्कार में 11 लाख रुपये की राशि, वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र शामिल हैं।

ज्ञानपीठ पुरस्कार: एक गौरवशाली परंपरा

ज्ञानपीठ पुरस्कार 1961 में स्थापित किया गया था। यह पुरस्कार 22 भाषाओं में से किसी भी भाषा में साहित्यिक रचनाओं के लिए दिया जाता है। 2023 तक, 58 लेखकों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है।
यह पुरस्कार भारतीय साहित्य और संस्कृति की समृद्ध विरासत को दर्शाता है। यह पुरस्कार न केवल लेखकों को प्रोत्साहित करता है, बल्कि यह भारतीय साहित्य को दुनिया भर में लोकप्रिय बनाने में भी मदद करता है।

 

 

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