हजारीबाग (झारखंड): जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बरही अनुमंडल अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे एक मरीज को सरकारी अस्पताल की पर्ची पर सीधे हजारीबाग के एक निजी अस्पताल में रेफर किए जाने का मामला सामने आया है। इस पूरे मामले को लेकर हजारीबाग के सांसद मनीष जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और जिला प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
डॉ. स्वीटी कुमारी पर आरोप, सरकारी कागज पर किया निजी रेफर
सांसद जायसवाल के अनुसार, मरीज बरही अनुमंडल अस्पताल में भर्ती था और उसका इलाज डॉ. स्वीटी कुमारी कर रही थीं। उन्होंने मरीज को हजारीबाग के एक निजी प्रतिष्ठित अस्पताल में रेफर कर दिया। हैरानी की बात यह है कि रेफरल सरकारी पर्ची पर ही निजी अस्पताल का नाम लिखकर किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि मामला केवल सामान्य लापरवाही नहीं, बल्कि निजी अस्पतालों से सांठगांठ का संकेत देता है।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल, सांसद ने जताई नाराजगी
मनीष जायसवाल ने इस घटना को झारखंड की चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्था का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, “अब तो स्थिति यह हो गई है कि सरकारी डॉक्टर खुलेआम निजी अस्पतालों के लिए दलाली कर रहे हैं। यह गंभीर मामला है और इसमें दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
सिविल सर्जन ने दी प्रतिक्रिया, कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू
इस संबंध में जब सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें इस मामले की जानकारी मिल चुकी है। संबंधित डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है। डॉ. सिंह ने बताया कि, “डॉ. स्वीटी कुमारी को डीएमएफटी फंड से अनुबंध पर नियुक्त किया गया था और उनके खिलाफ पहले भी शिकायतें मिलती रही हैं। मामले की जानकारी उप विकास आयुक्त को भेजी गई है और डॉक्टर को हटाने की अनुशंसा की गई है।”