रांची: झारखंड के नए स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने सोमवार को अपने पदभार संभालने के पहले ही एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि यदि किसी मरीज की निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो जाती है और अस्पताल का बिल बाकी रहता है, तो भी अस्पताल को शव परिजनों को सौंपना होगा। इसके अलावा, उन्होंने चेतावनी दी कि जो अस्पताल इस आदेश का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्राइवेट अस्पतालों पर सरकार की कड़ी नज़र
इरफान अंसारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब निजी अस्पतालों के मनमाने रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस आदेश के तहत, यदि किसी मरीज की मौत के बाद अस्पताल का बिल चुकता नहीं किया गया है, तो शव परिजनों को बिना किसी रुकावट के सौंपा जाएगा। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से डीसी और एसपी को पत्र भेजकर इस आदेश की पुष्टि की जाएगी। मंत्री ने कहा कि अस्पतालों को चाहे जितना भी नुकसान हो, यह आदेश लागू किया जाएगा और अस्पतालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
सरकारी अस्पतालों की बेहतरी पर ध्यान
मंत्री ने आगे कहा कि झारखंड सरकार की प्राथमिकता राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों को दिल्ली के सरकारी अस्पतालों के समान बेहतरीन सुविधाएं प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों को उच्च गुणवत्ता की चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
फर्जी डिग्री धारकों पर कार्रवाई का ऐलान
धनबाद और जामताड़ा में अपनी यात्राओं के दौरान मंत्री इरफान अंसारी ने एक और अहम बयान दिया। उन्होंने कहा कि जामताड़ा स्वास्थ्य विभाग में कुछ लोग फर्जी डिग्रियों के साथ काम कर रहे हैं। मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऐसे लोगों पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी और दोषी पाए जाने पर उन्हें जेल भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय बेरोजगार युवाओं को स्वास्थ्य विभाग में रोजगार के अवसर दिए जाएंगे।
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