स्टेट डेस्क,पटना : बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के दौरान BJP विधायकों का हंगामा जारी है। गुरुवार को शुरू हुई कार्रवाई के दौरान एक बार फिर काफी हंगामा हुआ। बिहार की सत्ताधारी महगठबंधन सरकार को घेरने के लिए भाजपा ने खास तौर पर रणनीति बनायी थी। सदन के भीतर भाजपा के विधायक जहां उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के इस्तीफ़े की मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे, वही सदन के बाहर हज़ारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा प्रोटेस्ट मार्च निकाला गया। इस प्रोटेस्ट मार्च में काफी संख्या में शिक्षक भी शामिल थे।
पटना के डाक बंगला चौक के पास पुलिस ने आगे बढ़ रहे आंदोलनकर्मियों को रोकने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया। भीड़ पर लाठी चार्ज किया गया। जिसमें जहानाबाद जिला के भाजपा के महामंत्री विजय कुमार सिंह की मौत हो गयी। बताया गया कि वह भीड़ में वे गिर गए थे। किसी तरह मौके से उठा कर उन्हें डॉक्टर के पास ले जाता गया।
जांच के बाद डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है।भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस मामले में बिहार सरकार को आड़े हाथों लिया। बिहार में लोकतंत्र की हत्या होने की बात कही।इस घटना के विरोध में बिहार के विभिन्न जिलों में प्रदर्शन की सूचना आ रही है।
भाजपा ने अपने प्रदर्शन में शिक्षकों को किया था शामिल
भाजपा द्वारा महागठबंधन की सरकार को घेरने की तैयारी की गयी थी। सदन के अंदर बुधवार को जहां विधायकों ने कुर्सियां उठा कर प्रदर्शन किया। गुरुवार को बीजेपी ने विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी पर सत्ताधारी महागठबंधन के टूल की तरह कामकरने का आरोप लगाया। बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेताविजय कुमार सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी के उन विधायकों के आचरण का बचाव भी किया। जिन्होंने सदन के अंदर कुर्सी तोड़ दी और कागज के टुकड़े फेंके थे। बीजेपी के दो विधायकों को सदन से बाहर निकाल दिया गया।
बाद में अन्य पार्टी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दियाबीजेपी ने शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं।सरकार की ओर से उक्त प्रोटेस्ट मार्च में शिक्षक शामिल ना हों इसके लिए एक आदेश जारी किया गया था। बिहार के 75,000 स्कूलों में औचक निरीक्षण किया जाएगा। गायब शिक्षकों पर कार्रवाई की घोषणा की गयी थी।