Hemant Soren : रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिशोम गुरु के नाम से प्रसिद्ध शिबू सोरेन के निधन के बाद, उनके पुत्र और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) अपने पैतृक गांव नेमरा से ही इन दिनों राज्य सरकार का कामकाज संभाल रखा है। वे पिछले चार दिनों से नेमरा में हैं। वहीं से सरकार के आला अधिकारी भी उनके साथ मिलकर सरकारी कार्यों का निपटारा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री 17 अगस्त तक अपने पिता के श्राद्धकर्म को लेकर गांव में ही रहेंगे। इस दौरान, हेमंत सोरेन ने अपने पिता के सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया है।
Hemant Soren : ‘दिशोम गुरु के हर सपने को पूरा करेगा उनका बेटा’
शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वे सरकारी फाइलों पर हस्ताक्षर करते नजर आ रहे है। इस तस्वीर के साथ उन्होंने भावुक कैप्शन में लिखा है कि बाबा दिशोम गुरु के हर सपने को पूरा करेगा उनका बेटा। उन्होंने आगे कहा कि हमारे वीर पुरखों का संघर्ष और बलिदान कभी व्यर्थ नहीं जाएगा।
उधर सीएम के इस पोस्ट को झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) और मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) दोनों ने रीपोस्ट किया है। CMO ने लिखा कि पिता साथ नहीं हैं, मगर शोक में डूबा बेटा, राज्य के मुखिया अपना परम कर्तव्य भी निभा रहे हैं। वहीं, JMM ने इस बात पर जोर दिया कि दिशोम गुरुजी के लिए भी झारखंड सर्वोपरि था।
Hemant Soren : ‘गांव से सरकार’ चलाने के सपने को पूरा करने का संकल्प
झारखंड के निर्माता शिबू सोरेन का एक बड़ा सपना था कि राज्य की सरकार गांवों से चले। इस सपने को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अक्सर अपने संबोधनों में दोहराते रहे हैं। उनका मानना है कि सरकारी योजनाओं पर पहला अधिकार गांव के लोगों, गरीबों और शोषित-वंचितों का है। अपने पिता के निधन के बाद, हेमंत सोरेन न केवल एक बेटे का फर्ज निभा रहे हैं, बल्कि एक मुख्यमंत्री के रूप में भी अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं।