डिंडोरी : मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले में एक दर्दनाक घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है। यहां एक सरकारी अस्पताल में एक गर्भवती आदिवासी महिला को अपने पति के खून के धब्बे साफ करने के लिए मजबूर किया गया। यह मामला तब सामने आया, जब रघुराज मरावी (28) को उनके रिश्तेदारों द्वारा जमीन विवाद को लेकर किए गए हमले के बाद अस्पताल लाया गया।
घटना की पृष्ठभूमि
वृहस्पतिवार की रात रघुराज को गंभीर अवस्था में सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश उसकी मौत हो गई। रघुराज की पत्नी, रोशनी बाई, जो पांच महीने की गर्भवती है, को उस बिस्तर पर खून के धब्बे धोने के लिए कहा गया, जिस पर उसे भर्ती किया गया था। यह घटना शनिवार को हुई और मामला सामने आने के बाद इसे लेकर स्थानीय अधिकारियों में हड़कंप मच गया।
एक अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद नर्सिंग अधिकारी राजकुमारी मरकाम और छोटीबाई ठाकुर को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा, चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह का तबादला भी कर दिया गया है। यह कार्रवाई स्थिति की गंभीरता को देखते हुए की गई है।
हिंसक घटना की जानकारी
पुलिस के अनुसार, यह हमला जिला मुख्यालय से लगभग 50 किलोमीटर दूर लालपुर गांव में जमीन के एक टुकड़े पर फसल काटने को लेकर हुए विवाद के कारण हुआ था। इस हमले में रघुराज के भाई शिवराज मरावी (40) और पिता धरम सिंह मरावी (65) की भी जान चली गई। वहीं, उनके दूसरे भाई रामराज को गंभीर स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
अधिकारियों की सफाई
इस मामले में अधिकारियों ने अपनी सफाई पेश की है। एक अधिकारी ने बताया कि ‘गुरुवार को जमीन विवाद के दौरान चार लोगों को गोली मारी गई थी और उनमें से दो को अस्पताल लाया गया। मरने वाले शख्स की पत्नी ने हमसे कहा कि उसे बिस्तर से खून पोंछने के लिए कपड़े की जरूरत है ताकि वह खून बहने की मात्रा को सबूत के तौर पर इस्तेमाल कर सके। उसे बिस्तर साफ करने के लिए नहीं कहा गया था’।
हालांकि, यह स्पष्टीकरण उस तथ्य को नहीं बदलता कि एक गर्भवती महिला को इस तरह के कष्ट का सामना करना पड़ा। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या यह स्थिति चिकित्सा सेवाओं के प्रति संवेदनशीलता की कमी को दर्शाती है।
न्याय और कार्रवाई
इस घटना के बाद, गड़ासराय पुलिस ने इस मामले में हत्या समेत कई धाराओं के तहत सात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। यह घटना न केवल इस परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी एक बड़ा झटका है। ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और मानवता की आवश्यकता होती है, ताकि इस तरह के दर्दनाक अनुभवों से बचा जा सके।
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